कबीर और निराला की श्रेणी के अक्खड़ और फक्कड़ लेखक नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने राजनीति और जनता के मुक्तिसंघर्षों में सक्रिय और रचनात्मक…
कबीर और निराला की श्रेणी के अक्खड़ और फक्कड़ लेखक नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने राजनीति और जनता के मुक्तिसंघर्षों में सक्रिय और रचनात्मक…
On Virat Kohli’s birthday, we look at what makes him the man, the myth and the legend he already is. “To become a good player, you need talent. To become a great player, you need an ATTITUDE like Kohli.” – Sunil…
What was the meaning of Freedom to those who couldn’t see it happening? What was the meaning of Freedom to those who made it across the line? And What was the meaning of Freedom to those who made it happen,…
एक शुक्लाष्टमी रात का वक़्त है नहीं है यह बहुत मुमकिन है कि जो देख रहा हूँ वह स्वप्न हो कोई दुस्वप्न-सा पर वक़्त नहीं है रात का देखो साफ़ दिख रहा है आसमान में सूरज जैसे किसी लाश की…
तब तक ड्राइव ने पूछा, “कहिए शिरिमानजी ! क्या हालचाल हैं ? बहुत दिन बाद देहात की ओर जा रहे हैं “! रंगनाथ ने शिष्टाचार की इस कोशिश को मुस्कराकर बढ़ावा दिया। ड्राइवर ने कहा, “शिरिमानजी, आजकल क्या कर रहे…
मैं बंबई में था तलवारों और लाठियों से बचता-बचाता भागता-चीख़ता जानवरों की तरह पिटा और उन्हीं की तरह ट्रेन के डिब्बों में लदा-फँदा सन् साठ में मद्रासी था, नब्बे में मुसलमान और उसके बाद से बिहारी हुआ मैं कश्मीर में…
दिसम्बर 1990 में वर्तमान साहित्य में छपी कहानी जिसने छपते ही हंगामा मचा दिया था। बरस भर पत्र छपे, वार्षिक चंदा वापिस मांगा गया और बिहार में इसकी हजारों फोटोकापी कराके गोष्ठियां की गयीं और चार पेजी न्यूज बुलेटिन निकाले…
Authored by one of the most sincere film scholars in India, 16 Frames has a frame rate that not only satisfies the literary buds of a cinema lover but also encourages a curious onlooker with its short yet crisp essays…
साम्प्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है.. प्रेमचंदधनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास…