तभी मेरे साथ वह हादसा हुआ था। 13 अगस्त की रात। उस रात भयंकर बरसात हो रही थी। मैं शूट पूरा करके ट्रेन से जैसलमेर से दिल्ली आ रही थी। बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था और पंद्रह दिन के बाद दिल्ली…
तभी मेरे साथ वह हादसा हुआ था। 13 अगस्त की रात। उस रात भयंकर बरसात हो रही थी। मैं शूट पूरा करके ट्रेन से जैसलमेर से दिल्ली आ रही थी। बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था और पंद्रह दिन के बाद दिल्ली…
इस बार स्थानान्तरणों के लिए जो सूची जारी की गई है, उसमें सुनन्दा वाजपेयी का भी नाम है। इन चार बरसों में वह तकरीबन सभी विभागों और अनुभागों में चक्कर काट आयी है और लगभग सभी जगहों से एक तरह…
बहुत पुराना किस्सा है। एक बुजुर्ग शख्स अपने बंगले के हरे भरे लॉन में शाम के वक्त चहल कदमी कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि गेट पर उनका कोई प्रिय मेहमान खड़ा है। उसे देखते ही उनकी खुशी का…
आज का सारा शेड्यूल बिगड़ गया। एक तो गाड़ी आठ घंटे लेट और ऊपर से मद्रास बंद। स्टेशन पर कोई ऑटो, टैक्सी नहीं। ऑफिस की गाड़ी आकर कब की चली गयी होगी। किस्मत से सहयात्री मिलीटरी वाला है। उसी की…
हमने उस वक्त तक दौड़ में मिल्खा सिंह का ही नाम सुना था। हमें तब तक पता नहीं था कि बड़ी रेसों में दौड़ने के लिए खास तरह के जूतों की और तकनीक की ज़रूरत होती है। हमें यह भी…
ये उनकी दूसरी कहानी है जो मैंने पढ़ी है। इससे पहले 'एक कमज़ोर लड़की की कहानी' ही पढ़ पायी हूँ और अपने उत्सुकता को रोक नही सकी और उनके फेसबुक पर गयी। 'लमही' में प्रकाशित इस 'लहरों की बाँसुरी' के…
तो ये चैप्टर भी खत्म हुआ। उदास ज़िंदगी का एक और उदास चैप्टर। एक ही बरस का चौथा हादसा। एक के बाद एक। अभी तो पहले वाले हादसों से भी नहीं उबर पायी थी कि ये एक और। ऊपर वाले…
कथा यूके के सम्मान समारोह में शिरकत करने के लिए जब मैं जुलाई 2007 में लंदन की यात्रा पर गया तो मेरी बहुत पुरानी मित्र पाकिस्तान की कथा लेखिका नीलम बशीर से एक बार फिर मुलाकात हो गयी। वे हमेशा…
राइट नम्बर इस मामले की शुरूआत उस वक्त हुई थी जब मैंने रिलायंस का मोबाइल फोन लिया ही था। शायद तीसरा या चौथा दिन रहा होगा। घंटी बजने पर मेरे हैलो कहने पर फोन करने वाले ने रूबी से बात…
उन्हें दूसरे पैग से नशा होने लगा है। दिमाग में हल्की–हल्की सी झनझनाहट शुरू हो गयी है। कुछ भी सिलसिलेवार नहीं सोच पा रहे हैं। `ऑन द राक्स' व्हिस्की के गिलास पर बार–बार पानी की बूँदें जम जाती हैं। वे…