"..जो ग़ायब भी है हाज़िर भी जो मंज़र भी है नाज़िर भी उट्ठेगा अन-अल-हक़ का नारा जो मैं भी हूँ और तुम भी हो.." उर्दू शायरी के अजीमुश्शान शायर - फै़ज़ अहमद फ़ैज़ अपनी शायरी को अपने लहू की आग…
"..जो ग़ायब भी है हाज़िर भी जो मंज़र भी है नाज़िर भी उट्ठेगा अन-अल-हक़ का नारा जो मैं भी हूँ और तुम भी हो.." उर्दू शायरी के अजीमुश्शान शायर - फै़ज़ अहमद फ़ैज़ अपनी शायरी को अपने लहू की आग…
एक मालदार जाट मर गया तो उसकी घरवाली कई दिन तक रोती रही। जात-बिरादरी वालों ने समझाया तो वह रोते-रोते ही कहने लगी, 'पति के पीछे मरने से तो रही! यह दुःख तो मरूँगी तब तक मिटेगा नहीं। रोना तो…
कबीर और निराला की श्रेणी के अक्खड़ और फक्कड़ लेखक नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार नागार्जुन ने राजनीति और जनता के मुक्तिसंघर्षों में सक्रिय और रचनात्मक…
तब तक ड्राइव ने पूछा, “कहिए शिरिमानजी ! क्या हालचाल हैं ? बहुत दिन बाद देहात की ओर जा रहे हैं “! रंगनाथ ने शिष्टाचार की इस कोशिश को मुस्कराकर बढ़ावा दिया। ड्राइवर ने कहा, “शिरिमानजी, आजकल क्या कर रहे…
साम्प्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है.. प्रेमचंदधनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास…
Though I had acquired a nodding acquaintance with Hinduism and other religions of the world, I should have known that it would not be enough to save me in my trails. Of the thing that sustains him through trials, man…
यद्यपि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का साहित्यिक जीवन काव्य से प्रारंभ हुआ तथापि ‘चरचे और चरखे’ स्तम्भ में दिनमान में छपे आपके लेख विशेष लोकप्रिय रहे। सन 1983 में राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित कविता संग्रह ‘खूँटियों पर टंगे लोग’ के लिए…
दुकान पर सफेद गुड़ रखा था। दुर्लभ था। उसे देखकर बार-बार उसके मुँह से पानी आ जाता था। आते-जाते वह ललचाई नजरों से गुड़ की ओर देखता, फिर मन मसोसकर रह जाता। आखिरकार उसने हिम्मत की और घर जाकर माँ…
Amrita Pritam – First lady to receive Sahitya Academy Award पंजाबी के सबसे लोकप्रिय लेखकों में से एक अमृता प्रीतम साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने वाली पहली महिला थी। एक शानदार लेखिका जिसने ने पंजाबी के अलावा हिन्दी में भी कवितायें…
प्रसिद्ध कविता 'झाँसी की रानी' की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान का जन्म नागपंचमी के दिन इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गांव में रामनाथसिंह के जमींदार परिवार में हुआ था। सुभद्रा जी बचपन से ही राष्ट्रीय भावनाओं से ओट -प्रोत कवितायें…