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Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant
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Marxvaad Ke Moolbhoot Siddhant

by Ashok Kumar Pandey
4.2
4.2 out of 5

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Creators
Publisher Rajpal and Sons
Synopsis मार्क्सवाद कोई पढ़े ही क्यों! आखिर क्या है ऐसा इसमें जो पराजय की घड़ी में भी दुनिया भर के युवाओं और बुद्धिजीवियों को आकर्षित करता रहता है? क्या है ऐसा जो अनगिनत आँखों का स्वप्न बन जाता है और पूँजीवादियों के लिए दुःस्वप्न!अपने प्रचंड प्रभाव के बावजूद पूँजीवाद जो एक चीज़ नहीं दे सकता वह है - बराबरी।मार्क्स के स्वप्न का सबसे बड़ा पक्ष है बराबरी पर आधारित सामाजिक-राजनैतिक-आर्थिक व्यवस्था की स्थापना। इसीलिए ज़रूरी है कि लोग जानें कि कौन थे, मार्क्स और क्या थीं उनकी मूलभूत शिक्षाएँ। इसलिए भी ज़रूरी है जानना कि समझ सकें, वामपंथी होने का दावा करने वाले खुद इन तर्कों से संचालित हैं या नहीं।यह किताब बेहद सुलझे तरीके से सहज भाषा में मार्क्सवाद के मूलभूत सिद्धांतों को समझाती है। भारतीयदर्शन के संक्षिप्त परिचय के साथ यह मार्क्सवाद की एक देशज परिप्रेक्ष्य में व्याख्या तो करती ही है, साथ में मार्क्स की जीवनी और भारत में मार्क्सवादी आन्दोलन के इतिहास और भविष्य की संभावनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ इसे आम पाठकों और कार्यकर्ताओं, दोनों के लिए ज़रूरी बनाती हैं।कविता, कथा और कथेतर, तीनों विधाओं में सक्रिय अशोक कुमार पाण्डेय हिन्दी के लब्धप्रतिष्ठ लेखक हैं। 'कश्मीरनामा', 'कश्मीर और कश्मीरी पंडित' तथा 'उसने गाँधी को क्यों मारा' जैसी किताबों से उन्होंने हिन्दी में साहित्येतर लेखन को फिर से स्थापित करने तथा लोकप्रिय बनाने का महत्त्वपूर्ण काम किया है।

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Binding: Paperback
About the author अशोक कुमार पांडेय का जन्म 24 जनवरी, 1975 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के सुग्गी चौरी गाँव में हुआ। आप गोरखपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक हैं। कविता, कहानी और अन्य कई विधाओं में लेखन के साथ-साथ अनुवाद कार्य भी करते हैं। कथेतर विधा में इनकी पहली शोधपरक पुस्तक 'कश्मीरनामा' बहुत चर्चा में रही। कश्मीर के इतिहास और समकाल के विशेषज्ञ के रूप में इनकी एक सशक्त पहचान है। २०२० में अशोक जी की दो किताबें 'कश्मीर और कश्मीरी पंडित' और उसने गाँधी को क्यों मारा राजकमल प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुई हैं और दोनों ही किताबों को पाठकों ने हाथिओं हाथ लिया है।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajpal and Sons
  • Pages: 192
  • Binding: Paperback
  • ISBN: 9789389373431
  • Category: Philosophy
  • Related Category: Self Help & Inspiration
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