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Home Literature Novel Khand Khand Setu
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Khand Khand Setu
by Swaminath Pandey
4.8
4.8 out of 5
Creators
AuthorSwaminath Pandey
PublisherPratishruti Prakashan
Synopsisस्वामीनाथ पाण्डेय की औपन्यासिक कृति खंड-खंड सेतु किसी वायव्य लोक की नहीं यथार्थ के धरातल की ऐसी कथा है जिसमें आत्मकथा की छाया सर्वत्र संचरित है। इस उपन्यास में लेखक ने अपने जीवन तथ्यों का निवेश कलापूर्ण दृष्टि से पर्याप्त सत्यता, सूक्ष्मता और मर्यादा का निर्वाह करते हुए किया है। आत्मग्रस्तता से रहित, जीवन की आंतरिक लय से रची-बुनी यह अंतिम कृति कई मायनों में उपलब्धिपूर्ण है।
खंड-खंड सेतु उपन्यास में आत्मकथाकार के पिता का जीवन बड़े आयाम में उपस्थित हैएक चरित नायक की तरह। पिता के जीवन-संघर्ष को वह गांधी से जोड़कर समतुल्य रूप में देखता हैपरिवार के लिए पूर्णतः समर्पित उच्चतर मूल्यबोध के साथ, कृषक परिवार, ग्राम्य समाज की विडम्बना, अंतर्कलह, विद्रूपताओं के मध्य। कथाकार के लेखकीय जीवन का आत्मसंघर्ष भी शुरू से अंत तक प्रभावी ढंग से विन्यस्त हैतीसरी पीढ़ी के वर्तमान के साथ।
देशकथा, परिवार कथा और व्यक्ति कथा तीनों की अंतर्धारा उपन्यास में प्रवाहित है। संबंधों का सेतु, पारस्परिकता का पुल इसकी मुख्य थीम है, आत्मकथा का वितान इसी कील पर ताना गया है। कथा-प्रवाह मंथर होते हुए भी शिथिल नहीं है। उम्मीद है वरिष्ठ कथाकार स्वामीनाथ पाण्डेय की इस आत्मकथात्मक कृति को साहित्य जगत में उनके दो पूर्ववर्ती उपन्यासों जैसा ही सम्मान प्राप्त होगा।
लक्ष्मण केडिया