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Home Literature Short Stories Vujood
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Vujood
by Rajesh Reddy
4.9
4.9 out of 5
Creators
AuthorRajesh Reddy
PublisherVani Prakashan
Synopsisआज के ग़ज़लकारों में राजेश रेड्डी का नाम सबसे अलग पड़ता है क्योंकि ग़ज़लें देखनी पड़ती हैं। ग़ज़लों और ग़ज़लकारों की जैसी जरख़ेज़ फ़सल लहलहा रही है, उसमें हम किसी ग़ज़लकार के बारे में इससे बड़ी बात क्या कह सकते हैं। ‘वजूद’ उनकी ग़ज़लों का तीसरा संग्रह है। इस अन्तराल में राजेश पहले से ज़्यादा आत्मविश्वासी हुए हैं और शब्दों और परिस्थितियों के अन्तःसम्बन्धों को पकड़ते वक़्त उन्हें थोड़ी भी हिचक नहीं होती है। राजेश बला के ख़ामोश ग़ज़लगो हैं। वे बमुश्किल ही मुँह खोलते हैं। जितना और जो भी कहना होता है, ग़ज़ल को ही सौंप देते हैं।