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Home Literature Poetry Ujale Apni Yadon Ke
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Ujale Apni Yadon Ke
by Vijay Vate
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorVijay Vate
PublisherVani Prakashan
Synopsisहिन्दोस्तान की दूसरी जुबानों में गजल के लिये जो इज्जत और मोहब्बत पैदा हुई है, उसमें बशीर बद्र का नुमाया हिस्सा है। जो जिन्दगी के तफक्कुर (समस्याओं) को तग़ज्जुल बनाते हैं। उनका कमाल ये है कि वो अछ्छी शायरी कर के भीमकबूल (लोकिप्रिय) हुए हैं। मेरे नजदीक इस वक्त हिन्दुस्तान में और हिन्दुस्तान से बाहर उर्द गजल की आबरू बशीर बद्र है ।डॉ. खलीक अंजुम, दिल्ली बशीर बद्र की गजल, जिन्दगी की धूप और एहसास के फूलों की गजल है, यही उनकी शायरी की बुनियादी मिजाज है। बशीर बद्र ने गजल को जो महबूबियत, विकार (गरिमा), एतबार और वज़ाहत (सौंदर्य) दी है, वो बेमिसाल है। वशीर बद्र से पहले किसी की गजल को ये मेहबूबियत नहीं मिली। मीरो-गालिब के शेर बहुत मशहूर हैं, लेकिन मैं पूरे एतमाद (विश्वास) से कह सकता हूँ कि आलमी पैमाने पर बशीर बद्र की गजलों के अशआर से, किसी के शेर मशहूर नहीं हैं, उसकी वजह यह है कि उन्होंने आज के इन्सान के नफ्सियाति (मनोवैज्ञानिक) मिजाज की तर्जमानी जिस आलमी उर्दू के गजलिया उस्लूब (शैली) में की है, वो इससे पहले मुमकिन भी नहीं थी। इस एतराफ (स्वीकृति) में बुखल (संकोच) से काम नहीं लेना चहिये कि वो, इस वक्त दुनियाँ में गजल के सबसे महबूब शायर हैं।