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Saundaryashastra Ke Tatva
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Saundaryashastra Ke Tatva

by Kumar Vimal
4.6
4.6 out of 5

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Creators
Author Kumar Vimal
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis कविता के सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन की आवश्यकता इसलिए है कि वह न सिर्फ मनुष्य के सर्जनात्मक अंतर्मन की एक रचनात्मक प्रक्रिया है, बल्कि उसकी संरचना में अन्य कलाओं के तत्त्व और गुण भी समाहित होते हैं। भारतीय काव्य-चेतना की परंपरा के अनुसार भी काव्यशास्त्रीय ग्रंथों में कविता के कलात्मक अंश और काव्येतर तत्त्वों के समागम की अवहेलना नहीं की गई है। इसलिए ललित कलाओं की व्यापक पृष्ठभूमि में काव्य का तात्त्विक अध्ययन जरूरी है। इसी को कविता का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन कहते हैं। लेकिन अनेक विद्वानों द्वारा समय-समय पर इस आवश्यकता को रेखांकित किए जाने के बावजूद हिंदी-आलोचना-साहित्य में अभी तक हम इस दिशा में छिटपुट निबंधों, लेखों से आगे नहीं बढ़ सके हैं। जो काम सामान्यतः सामने आया है, वह अपेक्षित सौंदर्यशास्त्रीय दृष्टिकोण और तात्त्विक विश्लेषण के अभाव के चलते संतोषजनक नहीं है। यह पुस्तक हिंदी साहित्य की उस कमी को पूरा करने का एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इसमें सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन की अभी तक उपलब्ध परंपरा की पूर्वपीठिका में काव्य के प्रमुख तत्त्वों, यथा - सौंदर्य, कल्पना, बिंब और प्रतीक का विशद और हृदयग्राही विवेचन किया गया है। अपने विषय में ‘प्रस्थान-ग्रंथ’ बन सकने की क्षमतावाली इस पुस्तक में सौंदर्यशास्त्र को व्यावहारिक आलोचना के धरातल पर उतारा गया है जिसका प्रमाण द्वितीय खंड में प्रस्तुत छायावादी कविता का सौंदर्यशास्त्रीय अध्ययन है। इसकी दूसरी विशेषता है सौंदर्यशास्त्र की स्वीकृत और अंगीकृत मान्यताओं के आधार पर काव्यशास्त्र की एक नई दिशा की ओर संकेत। कहा जा सकता है कि यह ग्रंथ कई दृष्टियों से ज्ञान की परिधि का विस्तार करता है और हिंदी साहित्य में सौंदर्यशास्त्रीय या कलाशास्त्रीय मान्यताओं के सहारे निष्पन्न एक ऐसे अद्यतन काव्यशास्त्र का रूप उपस्थित करता है, जिसमें परंपरागत प्रणालियों के अनुशीलन से आगे बढ़कर नवीन चिंतन और आधुनिक वैज्ञानिक उद्भावनाओं का भी उपयोग किया गया है।

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Binding: HardBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 306
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9788171786381
  • Category: Criticism & Interviews
  • Related Category: Politics & Current Affairs
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