Synopsisआज की कहानी में छूट गए सच को भरने की कोशिश देखनी हो या कहने का खूबसूरत अंदाज, समय से टकराहट देखनी हो या बेखौफ स्त्री की जबान और हिम्मत, मैत्रेयी पुष्पा एक प्रतिनिधि कथाकार का रोल निभाती नजर आती हैं। उनका नजरिया उनकी कहानियों में बेआवाज खुलता नजर आता है। पियरी का सपना उनका नवीनतम कहानी संग्रह है जिसमें वह अपने विकास और संपूर्ण सामर्थ्य के साथ मौजूद हैं। मुस्कराती औरतें जहां इस बात का जवाब देती है कि अलबम के पहले पन्ने पर मुरली की तस्वीर क्यों मौजूद है, वहीं रिश्ते का नक्शा उस सच का पर्दाफाश करती है जो बताता है कि मोहल्ले के किसानों की नींद क्यों उड़ गई थी? कैसे एक पुस्तकालय एक कहानी का आधार बना? आवारा न बन की बॉक्सर लड़की का फूट पर गुस्सा हो या बदमाश महकमे से रिश्ता, छुटकारा की छन्नों का डूबता दिल हो या बहुत पहले का चलन का सच, कथाकार की तल्लीन संलग्नता उसे एक कथा शिल्पी की पहचान देती है। उसकी स्त्री किसी के द्वारा प्रदत्त सुरक्षा नहीं चाहती, चाहती है सिर्फ अपनी समार्थ्य ताकि कोई उसके चेहरे पर तेजाब न फेंक सके। संबंध की गौरी हो या गुनाहगार की पंचायत और बहू, आरक्षित की साधना हो या मैंने महाभारत देखा था की ब्रजेश, मैत्रेयी समाज के हर हिस्से की स्त्री के सच का खुलासा कहानी में करते हुए एक जागरण अभियान ही चला रही हैं। उनके यहां एक निरंतर युद्ध है उस असंवेदनशील समाज से जो लड़कियों के लिए अन्यायी है। पियरी का सपना ही नहीं, प्रायः हर कहानी में कथाकार उस दखल से लड़ती नजर आती हैं जो पूरी आराजकता के साथ हमारे समाज में मौजूद है। ये कहानियां आंख खोलते हुए, धुंध के पार ले जाने की ऐसी रचनात्मक कोशिश हैं जहां पाठक खुद ब खुद साथ हो लेता है।
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Binding: HardBack
About the author
Maitreyi Pushpa (मैत्रेयी पुष्पा) (born 30 November 1944), is a Hindi fiction writer. An eminent writer in Hindi, Maitreyi Pushpa has ten novels and seven short story collections to her credit. She also writes prolifically for newspapers on current issues concerning women, and adopts a questioning, daring and challenging stance in her writings. She, as a writer is best known for her Chak, Alma Kabutari, Jhoola Nat and an autobiographical novel Kasturi Kundal Base.