About the author
अब्दुल बिस्मिल्लाह
जन्म : 5 जुलाई, 1949 को इलाहाबाद जिले के बलापुर गाँव में।
शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए. तथा डी.फिल्.।
1993-95 के दौरान वार्सा यूनिवर्सिटी, वार्सा (पोलैंड) में तथा 2003-05 के दौरान भारतीय दूतावास, मॉस्को (रूस) के जवाहरलाल नेहरू सांस्कृतिक केन्द्र में विजि़टिंग प्रोफ़ेसर रहे।
1988 में सोवियत संघ की यात्रा। उसी वर्ष ट्यूनीशिया में सम्पन्न अफ्रो-एशियाई लेखक सम्मेलन में शिरकत। पोलैंड में रहते हुए हंगरी, जर्मनी, प्राग और पेरिस की यात्राएँ। 2002 में म्यूनि$ख (जर्मनी) में आयोजित 'इंटरनेशनल बुक वीक' कार्यक्रम में हिस्सेदारी। 2012 में जोहांसबर्ग में आयोजित विश्व-हिन्दी सम्मेलन में शिरकत।
कृतियाँ : अपवित्र आख्यान, झीनी झीनी बीनी चदरिया, मुखड़ा क्या देखे, समर शेष है, ज़हरबाद, दंतकथा, रावी लिखता है (उपन्यास), अतिथि देवो भव, रैन बसेरा, रफ़ रफ़ मेल, शादी का जोकर (कहानी-संग्रह), वली मुहम्मद और करीमन बी की कविताएँ, छोटे बुतों का बयान (कविता-संग्रह), दो पैसे की जन्नत (नाटक), अल्पविराम, कजरी, विमर्श के आयाम (आलोचना), दस्तंबू (अनुवाद) आदि।
झीनी झीनी बीनी चदरिया के उर्दू तथा अंग्रेज़ी अनुवाद प्रकाशित। अनेक कहानियाँ मराठी, पंजाबी, मलयालम, तेलगू, बांग्ला, उर्दू, जापानी, स्पैनिश, रूसी तथा अंग्रेज़ी में अनूदित।
रावी लिखता है उपन्यास पंजाबी में पुस्तकाकार प्रकाशित।
रफ़ रफ़ मेल की 12 कहानियाँ रफ़ रफ़ एक्सप्रेस शीर्षक से फ्रेंच में अनूदित एवं पेरिस से प्रकाशित।
सम्मान : सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, दिल्ली हिन्दी अकादमी, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान और म.प्र. साहित्य परिषद के देव पुरस्कार से सम्मानित।
सम्प्रति : केन्द्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के हिन्दी विभाग में प्रोफ़ेसर।