Synopsis“प्रेम हम सबको बेहतर शहरी बनाता है ! हम शहर के हर अनजान कोने का सम्मान करने लगते हैं ! उन कोनों में जिंदगी भर देते हैं....आप तभी एक शहर को नए सिरे से खोजते हैं जब प्रेम में होते हैं ! और प्रेम में होना सिर्फ हाथ थामने का बहाना ढूंढना नहीं होता ! दो लोगों के उस स्पेस में बहुत कुछ टकराता रहता है ! ‘लप्रेक’ उसी कशिश और टकराहट की पैदाइश है !”
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Binding: PaperBack
About the author
आमतौर पर लोगों के दिलों में ‘एनडीटीवी वाले रवीश’ के नाम से एक बड़ी पहचान। बिहार के मोतिहारी जि़ले के गाँव जितवारपुर से चलकर दिल्ली शहर में ‘स्थायी पता’ की तलाश करने वाले। लप्रेक का नया कॉन्सेप्ट शुरू करने वाले। ‘क़स्बा’ के ब्लॉगर। आज के हमारे समय में इनका सबसे बड़ा परिचय—‘रवीश की रिपोर्ट’ वाले, ‘प्राइम टाइम’ वाले रवीश कुमार। हिंदी में पहली किताब ‘इश्क़ में शहर होना’ नाम से छपी, जिसका बाद में अंग्रेजी अनुवाद ‘अ सिटी हैप्पन्स इन लव’नाम से प्रकाशित हुआ है। 2018 में अंग्रेजी में पहली किताब ‘द फ्री वॉइस’ नाम से प्रकाशित हुई जो मराठी और कन्नड़ में भी अनूदित हो चुकी है।