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Home Literature Poetry Geetanjali
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Geetanjali
by Ravindranath Tagore
4.4
4.4 out of 5
Creators
AuthorRavindranath Tagore
PublisherRajpal
Synopsisगीतांजलि वह महान काव्य-कृति है, जिसने कवि रवींद्रनाथ टैगोर को वर्ष 1913 में एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति होने का सम्मान दिलाया। उनकी इसी रचना ने यह सिद्ध किया कि कथाशिल्पी, चित्रकार तथा चिंतक-दार्शनिक होने के बावजूद वह सबसे पहले एक सम्पूर्ण कवि हैं।
गीतांजलि एक संपूर्ण विश्व ईश्वर का काव्य है। इसमें कवि का विश्व-व्यापी सरोकार संगीतात्मक ढंग से प्रस्तुत हुआ है। यह लय और तरंग से सज्जित आध्यात्मिक कृति है, जिसे कवि ने नई सज-धज से भारतीय संस्कृति में पिरोकर विश्व के सामने रखा है। इन रचनाओं में भक्ति भाव का वह रूप है, जो विरक्ति को परे रखकर प्रेम और तन्मयता से निर्वाह पाता है और इसी साधना के बल पर रवींद्रनाथ ठाकुर इतने बड़े रचनाकार के रूप में ठहर पाते हैं।
गीतांजलि में प्रस्तुत रवींद्रनाथ टैगोर के ये गीत अपने एक-एक पद में मधुर संगीत ध्वनित करते हैं।