logo
Home Literature Novel Do Auraton Ke Patra
product-img product-img
Do Auraton Ke Patra
Enjoying reading this book?

Do Auraton Ke Patra

by TASLIMA NASRIN
4.8
4.8 out of 5

publisher
Creators
Publisher Vani Prakashan
Translator Sushil Gupta
Synopsis प्रस्तुत कृति में पुरुष शासित समाज में स्त्रियों की दुर्दशा का हू-ब-हू चित्रण है। स्त्री-भोग्या मात्र है और धर्मशास्त्रों में भी उसके पाँवों में बेड़ियाँ डाल रखी हैं। ईश्वर की कल्पना तक में परोक्षतः नारी-पीड़ा का समर्थन किया गया है। सामाजिकत रूढ़ियों के पालन में, और दाम्पात्य जावन के प्रत्येक क्षेत्र में-यानी स्त्रियों के किसी भी मामले में पुरुषों की लालसा, नीचता, आक्रमकता, और निरंकुश भाव को तसलीमा ने खुले आम चुनौती दी है। अपनी दुस्साहसपूर्ण भाषा-शाली और दो टूक अंदाज में अपने विचारों को इस तरह रखा है कि पाठक एक बारगी तो तिलमिला उठता है। पुरुष शासित समाज में स्त्रियों के अधिकार और नारी–मुक्ति को लेकर चाहे जितने बड़े-बड़े दावे पेश किये जाएँ, बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन का स्वर निस्सन्देह सबसे भास्वर है। उनके लेखन का तेवर सर्वाधिक व्यंग्य मुखर और तिलमिला दोनो वाला है। संस्कार मुक्ति प्रतिवादी और बेबाक तसलीमा ने अपने ‘निर्वाचित कलम’ द्वारा बांग्लादेश में एक जबरदस्त हलचल-सी मचा दी और जैसा कि तय था, विवाद के केन्द्र में आ गयी। इस अप्रतिम रचना को आनन्द पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की खबर से सारे देश में एक कृति के प्रति स्वभावतः कौतुहल पैदा हो गया। उक्त रचना के साथ उनके द्वारा इसी विषय पर लिखित उनके अन्य लेखों को भी पस्तुत संस्करण में सम्मिलित कर लिया गया है। इस कृति में तसलीमा ने बचपन से लेकर अब तक की निर्मम, नग्न और निष्ठुर घटनाओं और अनुभवों के आलोक में नये सवाल उठाए गये हैं, जिनसे स्त्रियों के समान अधिकारों को एक सार्थक एवं निर्णायक प्रस्थान प्राप्त हुआ है।

Enjoying reading this book?
Binding: PaperBack
About the author तसलीमा नसरीन सुख्यात लेखक और मानवतावादी विचारक हैं। अपने विचारों और लेखन के लिए उन्हें अकसर फ़तवों का सामना करना पड़ा। विवादास्पद उपन्यास ‘लज्जा’ पर उन्हें उनके देश से निष्कासित कर दिया गया जहाँ वे 1994 से नहीं गईं। भारत समेत कई देशों से उन्हें विभिन्न सम्मानित पुरस्कारों और मानद उपाधियों से विभूषित किया जा चुका है। दुनिया की लगभग तीस भाषाओं में उनकी रचनाओं का अनुवाद हो चुका है।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Vani Prakashan
  • Pages: 92
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9789352291243
  • Category: Novel
  • Related Category: Modern & Contemporary
Share this book Twitter Facebook
Related Videos
Mr.


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Kuchh Na Kaho Sanjh by Sanjay Parikh
Satra: Shabdon Ka Masiha by Prabha Khetan
Shikhar Aur Seemayen by Sharat Kumar
Koi Accha Sa Ladka by Vikram Seth
Hindi Patrakarita : Swaroop Evam Sandarbh by Dr.Vinod Godre
Mahakavi Galib Kishayari by Shamim Hanfi
Books from this publisher
Related Books
Besharam : Lajja Upanyas Ki Uttar-Katha Taslima Nasrin
Nishiddh Taslima Nasrin
Nishiddh Taslima Nasrin
Mujhe Dena Aur Prem Taslima Nasrin
Aurat Ka Koi Desh Nahin TASLIMA NASRIN
Aurat Ke Haq Mein Taslima Nasrin
Related Books
Bookshelves
Stay Connected