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Home Nonfiction Reference Work Chhayawad Aur Mukutdhar Pandey
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Chhayawad Aur Mukutdhar Pandey
by Ram Narayan Patel
4.4
4.4 out of 5
Creators
AuthorRam Narayan Patel
PublisherVani Prakashan
Synopsisयह पुस्तक छायावाद के पुरोधा पांडेय जी को छायावाद से जोड़ कर पाठक के सामने पेश करती है। पाण्डेय जी की पहली कविता ``प्रार्थना पंचक`` 14 वर्ष की आयु में स्वदेश बांधव नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। फिर ढेर सारी कविताओं का सृजन हुआ। यहीं से उनकी काव्य यात्रा निर्बाध गति से चलने लगी और उनकी कविताएं हितकारणी, इंदु, स्वदेश बांधव, आर्य महिला, विशाल भारत और सरस्वती जैसे श्रेष्ठ पत्र-पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित हुई। सन् 1909 से 1915 तक की उनकी कविताएं ``मुरली-मुकुटधर पांडेय`` के नाम से प्रकाशित होती थी। उनकी पहली कविता संग्रह``पूजाफूल`` सन् 1916 में इटावा के ब्रह्यप्रेस से प्रकाशित हुई। तत्कालीन साहित्य मनीषियों-आचार्य महाबीर प्रसाद द्विवेदी, जयशंकर प्रसाद, हजारी प्रसाद द्विवेदी और माखनलाल चतुर्वेदी की प्रशंसा से उन्हें संबल मिला और उनकी काव्यधारा बहने लगी। इसी वर्ष पांडेय जी प्रयाग विश्वविद्यालय की प्रवेशिका में उत्तीर्ण होकर इलाहाबाद चले गये। कवि का किशोर मन बाल्यकाल के छूट जाने से अधीर हो उठता है। उनकी कविताओं में प्रकृति प्रेम सहज रूप में दर्शनीय है। ``किंशुक कुसुम`` में प्रकृति से उनके अंतरंग लगाव की पद्यबद्दता ने कविता में एक अनोखे भावलोक की सर्जना की है। किंशुक कुसुम से उनकी बातचीत ने प्रकृति का जैसे मानवीकरण ही कर दिया।सामाजिक मूल्यों के उत्थान पतन को भी उन्होंने निकट से देखा और जाना है। ग्रामीण जीवन की झांकी उनकी कविताओं में दृष्टव्य है। उनके मुक्तकों में दार्शनिकता का बोध होता है। त्योहारों को सामान्य लोगों के बीच आकर्षक बनाने का भी उन्होंने प्रयास किया है