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Anya Se Ananya
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Anya Se Ananya

by Prabha Khetan
4.6
4.6 out of 5

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Creators
Author Prabha Khetan
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis भारतीय-साहित्य की विलक्षण बुद्धिजीवी डॉ. प्रभा खेतान दर्शन, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, विश्व-बाजार और उद्योग जगत की गहरी जानकार हैं और सबसे बढ़कर हैं - सक्रिय स्त्रीवादी लेखिका। उन्होंने विश्व के लगभग सारे स्त्रीवादी लेखन को घोट ही नहीं डाला बल्कि अपने समाज में उपनिवेशित स्त्री के शोषण, मनोविज्ञान, मुक्ति के संघर्ष पर विचारोत्तेजक लेखन भी किया। और उसी क्रम में उन्होंने लिखी है यह आत्मकथा - ‘अन्या से अन्यया’। हंस में धारावाहिक रूप से प्रकाशित इस आत्मकथा को जहाँ एक बोल्ड और निर्भीक आत्मस्वीकृति की साहसिक गाथा के रूप में अकंुठ प्रशंसाएँ मिली हैं वहीं बेशर्म और निर्लज्ज स्त्री द्वारा अपने आपको चौराहे पर नंगा करने की कुत्सित बेशर्मी का नाम भी दिया गया है...। महिला उद्योगपति प्रभा खेतान का यही दुस्साहस क्या कम है कि वह मारवाड़ी पुरुषों की दुनिया में घुसपैठ करती है। कलकत्ता चैम्बर ऑफ कॉमर्स की अध्यक्ष बनती है। एक के बाद एक उपन्यास और वैचारिक पुस्तकें लिखती है और वही प्रभा खेतान ‘अन्या से अनन्या’ में एक अविवाहित स्त्री, विवाहित डॉक्टर के धुआँधार प्रेम में पागल है। दीवानगी की इस हद को पाठक क्या कहेंगे कि प्रभा डाक्टर सर्राफ़ की इच्छानुसार गर्भपात कराती है और खुलकर अपने आपको डॉ. सर्राफ़ की प्रेमिका घोषित करती है। स्वयं एक अन्यन्त सफल, सम्पन्न और दृढ़ संकल्पी महिला परम्परागत ‘रखैल’ का साँचा तोड़ती है क्योंकि वह डॉ. सर्राफ़ पर आश्रित नहीं है। वह भावनात्मक निर्भरता की खोज में एक असुरक्षित निहायत रूढ़िग्रस्त परिवार की युवती है। प्रभा जानती है कि वह व्यक्तिगत रूप से ही असुरक्षित नहीं है बल्कि जिस समाज का हिस्सा है वह भी आर्थिक और राजनैतिक रूप से उतना ही असुरक्षित उद्वेलित है। तत्कालीन बंगाल का सारा युवा-वर्ग इस असुरक्षा के विरुद्ध संघर्ष में कूद पड़ा है और प्रभा अपनी इस असुरक्षा की यातना को निहायत निजी धरातल पर समझना चाह रही है...एक तूफ़ानी प्यार में डूबकर...या एक बोर्जुआ प्यार से मुक्त होने की यातना जीती हुई...। प्रभा खेतान की यह आत्मकथा अपनी ईमानदारी के अनेक स्तरों पर एक निजी राजनैतिक दस्तावेजश् है - बेहद बेबाक, वर्जनाहीन और उत्तेजक...।

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Binding: PaperBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 287
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9788126719310
  • Category: Biographies & Memoirs
  • Related Category: Biographies
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