Synopsisअमृत मंथन राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की ओजस्वी कविताओं का संकलन है !
इस पुस्तक में दिनकर जी की कुछ कविताएँ 1945 से 1948 के बीच लिखी गई थीं, जो तत्कालीन परिस्थितियों का दस्तावेज हैं तथा राष्ट्रकवि के प्रति कवी का श्रद्धा-निवेदन है, वहीँ कुछ कविताओं में उत्कट देश-प्रेम की ओजस्वी अभिव्यक्ति है ! कुछ कविताएँ देशी एवं विदेशी कवियों की उत्कृष्ट रचनाओं का सरस अनुवाद हैं तो कुछ कविताओं में निसर्ग का सुन्दर चित्रण है !
इन कविताओं की विशेषता है-इनकी प्रांजल, प्रवाहमयी भाषा, उच्चकोटि का छंद-विधान और सहज भाव-सम्प्रेषण !
हिंदी काव्य के स्वर्ण-युग की यात्रा करने के लिए यह पुस्तक उत्तम साधन है !