Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Home Literature Poetry Ameer Khusro : Hindavi Lok Kavya Sankalan
Enjoying reading this book?
Ameer Khusro : Hindavi Lok Kavya Sankalan
by Gopichand Narang
4.8
4.8 out of 5
Creators
AuthorGopichand Narang
PublisherVani Prakashan
TranslatorMohd. Musa Raza
Synopsisसामान्य पाठकों के लिए हिन्दवी काव्य का एक ऐसा समग्र तैयार कर दूँ जो सबकी ज़रूरतों को पूरा कर सके। इसके लिए मुझसे कई लोगों ने फ़रमाइश की, इस बीच कुछ लोग बार-बार अपनी फ़रमाइश को दोहराते रहे कि अमीर ख़ुसरो के हिन्दवी काव्य पर एक आसान किताब मैं तैयार कर दूँ। अमीर ख़ुसरो की हिन्दवी काव्य से रुचि सामान्य है और एक लघु पुस्तक सामान्य प्रशंसकों के लिए होनी चाहिए।...ग़ालिब की किताब प्रकाशित होने के बाद अब माफ़ी की कोई गुंजाइश नहीं थी अतः मैंने हथियार डाल दिये। इसमें बर्लिन-प्रति शिंप्रगर-संग्रह की 150 पहेलियों और उनके विस्तृत विश्लेषण के अलावा अमीर ख़ुसरो का सीना-ब-सीना चला आ रहा वह समस्त हिन्दवी काव्य जो लोक परम्परा का हिस्सा है और जो लगभग एक सदी पहले 'जवाहरे ख़ुसरवी' में प्रकाशित हुआ था, उसे भी 'ख़ालिक़ बारी' के साथ सम्मिलित कर लिया गया है, ताकि वह सारा हिन्दवी संग्रह जो अमीर ख़ुसरो के नाम से जाना जाता है और सामान्य रुचि का है, एक जगह एकत्रित हो जाय। पुस्तक की भाषा भी सरल रखी गयी है। इस प्रकार इस पुस्तक को ‘सब के अमीर ख़ुसरो' भी कहा जा सकता है। यह अपनी तरह की ऐसी किताब है जैसी कोई दूसरी किताब उपलब्ध नहीं। उम्मीद है हिन्दी में यह किताब हाथों-हाथ ली जायेगी। (भूमिका से)