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Home Literature Poetry Akelepan Mein Bhee Ishq Soofi Hai
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Akelepan Mein Bhee Ishq Soofi Hai
by Durga Prasad Gupt
4.1
4.1 out of 5
Creators
AuthorDurga Prasad Gupt
PublisherVani Prakashan
Synopsisअकेलेपन में भी इश्क़ सूफ़ी है' हिन्दी के शिखर विचारक एवं कवि दुर्गा प्रसाद गुप्त का नवीनतम कविता संग्रह है यानी हिन्दी-उर्दू के जरखेज़ दोआब का अनेकवर्णी सब्ज़ा। यह संग्रह आज के सम्पूर्ण भारतीय जीवन को समेटने की प्रतिज्ञा करता हुआ गहन मानव प्रेम की प्रतिष्ठा करता है-माया से परे इश्क़ की दुनिया में लौटाता है वह मुझे बारबार। यहाँ इश्क की रोशनी है जो जीवन के सबसे अँधेरे कोनों और मनुष्य के आभ्यन्तर को भी दीप्त करती है। यहाँ हमारा जाना-पहचाना पड़ोस है, घर है, बेटियाँ हैं, चूल्हा और अदहन है। और साथ ही बनजारे हैं, गायब होते बच्चे, दाना माँझी और शाम-ए-अवध है। और एक विलक्षण कविता है 'विराम चिन्ह' जो अकेली ही कवि की अमरता का जयघोष है। शायद ऐसी कविता पहले लिखी ही नहीं गयी। - अरुण कमल