13 अप्रैल 1982 को मध्यप्रदेश के झाबुआ में जन्मे सुशोभित सक्तावत की शिक्षा-दीक्षा उज्जैन से हुई। सुशोभित ने अँग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर किया है। विश्व सिनेमा, साहित्य, दर्शन और कला के विविध आयामों पर सुशोभित की गहरी रुचि है और पकड़ है। रुख पब्लिकेशंस द्वारा हाल ही में प्रकाशित दूसरी कलम सहित सुशोभित की अब तक 12 किताबें प्रकाशित हुई हैं और लोकप्रियता के मामले में उनका रिकॉर्ड शत प्रतिशत रहा है। सुशोभित माइकल जैक्सन की जीवनी लिख चुके हैं। सत्यजीत रॉय पर किताब लिख चुके हैं। पर दोनों किताबें अप्रकाशित हैं। वो कहते किताबों का प्रकाशन बहुधा अपने हाथ में नहीं होता। सुशोभित ने अँग्रेज़ी के लोकप्रिय उपन्यासकार चेतन भगत की छह पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद भी किया है। अपनी मोहक भाषा में सियासत से साहित्य तक विविध विषयों पर फेसबुक पर लिखने वाले सुशोभित सोशल मीडिया पर एक चर्चित नाम हैं। पेशे से पत्रकार सुशोभित पत्रकारिता के कई बड़े संस्थानों में अच्छे पदों पर रहे हैं और फिलहाल दैनिक भास्कर की पत्रिका ‘अहा! ज़िन्दगी’ में सहायक सम्पादक के रूप में कार्यरत हैं। इसके पहले वे नई दुनिया इंदौर में फीचर संपादक के पद पर अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।...
यह विश्व-साहित्य पर एकाग्र पुस्तक है। इसमें कोई दो दर्जन लेखकों पर निबंध, टिप्पणियाँ और अंत:प्रक्रियाएँ हैं। हिंदी के पाठकों में विश्व-साहित्य के प्रति गहरी अभिरुचि है, किंतु अकसर वो निर्णय नहीं कर पाते कि किसे पढ़ें और कहाँ से आरम्भ करें। दूसरी क़लम में ना केवल विश्व-साहित्य के गम्भीर अध्येताओं के लिए चर्चाओं और बहस के संदर्भ और प्रस्थान-बिंदु हैं, बल्कि उसमें रुचि रखने वाले युवा लेखकों और पाठकों के लिए भी दिशानिर्देश, अनुशंसाएँ और संस्तुतियाँ हैं। दस वर्षों की अनवरत-आसक्ति से तैयार हुई इस पुस्तक में मार्केज़ ,कोएट्ज़ी, काफ्का, बोर्ख़ेस, सेबल्ड, कल्वीनो, रोलां बार्थ, मोद्यानो, फ़ॉकनर, मिलान कुन्देरा, रिल्के,दोस्तोयेव्स्की, ज्याँ एमरी, पॉल ऑस्टर, नबोकफ़, जॉर्जेस पेरेक, रोबेर्तो बोलान्यो, नादिन गोर्डिमर, आर्थर रिम्बो, नायपॉल, यान स्काषेल, याक प्रेवेर, कज़ुओ इशिगुरो, बॉब डिलन, नीत्शे, ख़लील जिब्रान, लुडविग विटगेंष्टाइन आदि पर लेख, निबंध और टिप्पणियाँ हैं। विश्व-साहित्य पर एकाग्र ऐसी पुस्तक हिंदी में विरल है।
ISBN: 9788195254958
MRP: 199
Language: Hindi
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