प्रसिद्ध युवा हिंदी लेखकों में से एक भगवंत अनमोल का जन्म ३० अगस्त 1990 को हुआ था। भगवंत अनमोल ने महाराणा प्रताप इंजीनियरिंग कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिग्री हासिल की है और लैपटॉप पर किताबें लिखने से पहले भगवंत accenture में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कोड लिखा करते थे। भगवंत अनमोल उन चुनिंदा लेखकों में हैं जिन्हें आलोचकों के साथ-साथ पाठकों द्वारा भी प्यार किया जाता है।
हिंदी के बेस्टसेलर लेखक व वक्ता भगवंत अनमोल एक सफल स्पीच थेरेपिस्ट भी हैं,और वो इसलिए कि वो स्वयं बचपन में हकलाने कि समस्या का शिकार रहे हैं। उनकी संस्था इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पीच थेरेपी हकलाहट कि समस्या दूर करने के लिए एक विश्वसनीय नाम है।
भगवंत अनमोल लगातार नए विषयों पर लिखने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अब तक छह किताबें लिखी है और सभी किताबों का विषय पिछली किताब से जुड़ा रहा है। प्रेम कथा एक रिश्ता बेनाम सा, प्रेरक किताब कामयाबी के अनमोल रहस्य, अरुणेंद्र सोनी के साथ सेह लेखन में तुम्हें जीतना ही होगा किन्नर के जीवन संघर्ष पर आधारित ज़िन्दगी ५०-50 बच्चों को केंद्र में रखकर लिखी गई आंचलिक कथा बाली उमर और हाल ही में प्रकाशित साइंस फिक्शन प्रमेय
भगवंत अनमोल उन चुनिंदा लेखकों में हैं जिन्हें आलोचकों के साथ-साथ पाठकों द्वारा भी प्यार किया जाता है। वे एकमात्र युवा...
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार’ से सम्मानित भगवंत अनमोल नये विषयों पर लिखने के लिए जाने जाते हैं। 'ज़िंदगी 50-50' और 'बाली उमर' के बाद उनका यह तीसरा उपन्यास साइंस फ़िक्शन, दर्शन और वैचारिकता का एक अद्भुत मिश्रण है। यह एक ऐसे युवा की कहानी है जिसकी परवरिश धार्मिक माहौल में हुई है और वह प्रौद्योगिकी की पढ़ाई कर रहा है। जहाँ एक तरफ़ तकनीकी यह बताती है कि इस ब्रह्मांण में ईश्वर है ही नहीं तो दूसरी तरफ़ उसके परिवार ने बचपन से यह सिखाया है कि दुनिया की हर एक वस्तु सिर्फ़ ईश्वर की देन है। उसका मन इस द्वंद्व में फंसकर रह जाता है। इसी द्वंद्व से निकलने की छटपटाहट है प्रमेय। पढ़ाई के दौरान सूर्यांश का दूसरे मज़हब की लड़की से प्रेम हो जाता है। धार्मिक कट्टरता के कारण इस नवयुगल को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस बीच कुछ ऐसा घटित होता है, जिससे सूर्यांश का सोचने का तरीका ही बदल जाता है। इसी कथानक के आधार पर लेखक ने विज्ञान, आध्यात्म और धर्म के तर्कों के सहारे ब्रह्मांड और ईश्वर की परिकल्पना को समझने का प्रयास किया है।
ISBN: 9789389373486
MRP: 235
Language: Hindi
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