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Home Literature Poetry Zindagi Ek Kan Hai
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Zindagi Ek Kan Hai
by Rakesh Mishra
4.2
4.2 out of 5
Creators
AuthorRakesh Mishra
PublisherRadhakrishna Prakashan
Synopsisप्रस्तुत संकलन मिश्रजी की सर्जनात्मक प्रतिभा का एक अनूठा प्रयोग है जिसमें एक बौद्धिक की प्रश्नाकुलता, कवि सुलभ संवेदनात्मकता और एक विशुद्ध भारतीय मन की उदारता तथा निष्कलुषता सहज उपलब्ध है। कवि प्रत्यक्ष जगत के नाना व्यापारों को अपनी तीखी संवेदना से ग्रहण कर उसे स्वानुभूति का हिस्सा बनाकर अभिव्यक्त करता है। अत: सर्वत्र स्वाभाविकता बनी रहती है। अपने सरल मन की बातों को पूरी प्रामाणिकता और सहजता से कह जाना मिश्रजी की निजी विशेषता है। ये कविताएँ पाठक से एक आत्मीय संवाद कायम करती हैं। यहाँ कवि के निजी सरोकार भी समय और समाज का विमर्श प्रस्तुत करते हैं। ये कविताएँ अपनी अभिव्यंजना में अत्यधिक सटीक, व्यंजक और तलस्पर्शिनी हैं। इनमें काव्यानुभूति की प्रखरता तथा अभिव्यक्तिगत संयम एक साथ उपस्थित हैं। ये अपनी बुनावट में निहायत स्वच्छ, स्वस्थ और साभिप्राय हैं। इनका पारायण अपने आप में एक उत्तेजक और सार्थक अनुभव है। मिश्रजी अनावश्यक स्फीति से अपने को सर्वत्र बचाने में कामयाब रहे हैं। यह प्रबुद्ध मन की कविता है जिसके पाठ द्वारा पाठक के मन को परितृप्ति के साथ-साथ बौद्धिक खुराक भी मिलती है। —पुरोवाक् से