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Home Literature Satire & Humour Shesh Agle Prishth Par
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Shesh Agle Prishth Par
by K. D. Singh
4
4 out of 5
Creators
AuthorK. D. Singh
PublisherLokbharti Prakashan
Synopsisयह किताब एक ऐसे लेखक की है जो लेखन की दुनिया का पेशेवर बाशिन्दा नहीं है, फिर भी गद्य की एकदम ताजी पृष्ठभूमि से आया है, जहाँ विद्यार्थी जीवन के हल्के-फुल्के और रोचक अनुभवों के छोटे-छोटे टुकड़े हैं । उसने स्वयं कहा है कि 'यह उपन्यास नहीं है' और मैं इस तरह की कोशिश को 'विधाओं में एक तोड़-फोड़' कहता हूँ । यह तोड़-फोड़ सार्थक है, समर्थ है और पठनीय है । नये लोग कविता की तरह गद्य में भी नयी संरचना लेकर आयेंगे तो निश्चित ही समृद्धि आयेगी-भाषा में, रूप में और विन्यास में भी ।
-दूधनाथ सिंह