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Apne Jaisa Jeevan
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Apne Jaisa Jeevan

by Savita Singh
4.7
4.7 out of 5

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Creators
Author Savita Singh
Publisher Radhakrishna Prakashan
Synopsis अपने जैसा जीवन एक नयी तरह की कविता के जन्म की सूचना देता है । यह ऐसी कविता है जो मनुष्य के बाहरी और आंतरिक संसार की अज्ञात–अपरिचित मनोभूमियों तक पहुँचने का जोखिम उठाती है और अनुभव के ऐसे ब्योरे या संवेदना के ऐसे बिंब देख लेती है जिन्हें इससे पहले शायद बहुत कम पहचाना गया है । सविता सिंह ऐसे अनुभवों का पीछा करती हैं जो कम प्रत्यक्ष हैं, अनेक बार अदृश्य रहते हैं, कभी–कभी सिफर्’ अपना अँधेरा फेंकते हैं और ‘न कुछ’ जैसे लगते हैं । इस ‘न कुछ’ में से ‘बहुत कुछ’ रचती इस कविता के पीछे एक बौद्धिक तैयारी है लेकिन वह स्वत%स्फूर्त्त ढंग से व्यक्त होती है और पिकासो की एक प्रसिद्ध उक्ति की याद दिलाती है कि कला ‘खोजने’ से ज़्यादा ‘पाने’ पर निर्भर है । प्रकृति के विलक्षण कार्यकलाप की तरह अनस्तित्व में अस्तित्व को संभव करने का एक सहज यत्न इन कविताओं का आधार है । ऐसी कविता शायद एक स्त्री ही लिख सकती है । लेकिन सविता की कविताओं में प्रचलित ‘नारीवाद’ से अधिक प्रगतिशील अर्थों का वह ‘नारीत्व’ है जो दासता का घोर विरोधी है और स्त्री की मुक्ति का और भी गहरा पक्षधर है । इस संग्रह की अनेक कविताएँ स्त्री के ‘स्वायत्त’ और ‘पूर्णतया अपने’ संसार की मूल्य–चेतना को इस विश्वास के साथ अभिव्यक्त करती हैं कि मुक्ति की पहचान का कोई अंत नहीं है । यह सिफर्’ संयोग नहीं है कि सविता की ज़्यादातर कविताएँ स्त्रियों पर ही हैं और वे स्त्रियाँ जब देशी–विदेशी चरित्रों और नामों के रूप में आती हैं तब अपने दुख या विडंबना के ज“रिये अपनी मुक्ति की कोशिश को मूर्त्त कर रही होती हैं । उनका रुदन भी एकांतिक आत्मालाप की तरह शुरू होता हुआ सार्वजनिक वक्तव्य की शक्ल ले लेता है । सविता सिंह लगातार स्मृति को कल्पना में और कल्पना को स्मृति में बदलती चलती हैं । यह आवाजाही उनके काव्य– विवेक की भी रचना करती है, जहाँ यथार्थ की पहचान और बौद्धिक समझ कविता को वायवीय और एकालापी होने से बचाती है । मानवीय संवेगों को बौद्धिक तर्क के संसार में पहचानने का यह उपक्रम सविता की रचनात्मकता का अपना विशिष्ट गुण है । इस आश्चर्यलोक में कविता बार–बार अपने में से प्रकट होती है, अपने भीतर से ही अपने को उपजाती रहती है और अपने को नया करती चलती है ।

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Binding: HardBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Radhakrishna Prakashan
  • Pages: 102
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9788171196319
  • Category: Poetry
  • Related Category: Literature
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