Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Home Literature Novel Apna Morcha
Enjoying reading this book?
Apna Morcha
by Kashinath Singh
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorKashinath Singh
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsisकाशीनाथ सिंह का नाम सामने आते ही उस तैराक का चित्र आँखों के सामने तैर जाता है, जो एक चढ़ी हुई नदी में, धारा के विरुद्ध हाथ-पाँव मारता चला आता हो। ‘अपना मोर्चा’ स्वयं में इसकी सर्वश्रेष्ठ गवाही है। यह मोर्चा प्रतिरोध की उस मानसिकता का बहुमूल्य दस्तावेज है जिसे इस देश के युवा वर्ग ने पहली बार अर्जित किया था। एक चेतन अँगड़ाई इतिहास की करवट बनी थी - जब विश्वविद्यालय से टूटा हुआ भाषा का सवाल, पूरे सामाजिक-राजनीतिक ढाँचे का सवाल बन गया था और आन्दोलनों की लहरें जन-मानस को भिगोने लगी थीं।
हम क्यों पढ़ते है।! ये विश्वविद्यालय क्यां? भाषा केवल एक लिपि ही क्यों जीवन की भाषा क्यों नहीं? छात्रों, अध्यापकों, मजदूरों और किसानों के अपने-अपने सवाल अलग-अलग क्यों हैं? व्यवस्था उन्हें किस तरह भटकाकर तोड़ती है? एक छोटी-सी कृति में इन सारे सवालों को उछाला है काशीनाथ सिंह ने। इनके जवाबों के लिए लोग खुद अपनी आत्मा टटोलें, यह सार्थक भी इस कृति का है।