Literature / Persona भोलेपन और सॉफ़िस्टीकेशन का दिलआवेज़ संगम है परवीन शाकिर की नज़्में और ग़ज़लें November 24, 2020 Written by Kathanak 0 कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की उस ने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की परवीन शाकिर के शेरों में लोकगीत की… Continue Reading