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चार्ली चैप्लिन होने का
Suraj Prakash

फ्रैंक हैरीज़, चार्ली चैप्लिन के समकालीन लेखक और पत्रकार ने अपनी किताब चार्ली...

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डर

शारदा काम पर लौट आयी है। गोद में महीने भर का बच्चा लिये। दरवाजा मिसेज रस्तोगी...

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डरा हुआ आदमी

मैंने अपनी कहानी का अंत ऐसा तो नहीं चाहा था। भला कौन लेखक चाहेगा कि जिस आदमी को...

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दिव्या, तुम कहाँ हो?

सपना देख रहा हूं क्या? या सब कुछ मेरे सामने घट रहा है। मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि...

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देश, आज़ादी की पचासवीं �

यहां कही जा रही कहानी देश की आज़ादी के पचासवें बरस के दौरान की एक छोटी सी, मामूली-सी...

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दो जीवन – समान्तर

हैलो, क्या मैं इस नम्बर पर दीप्ति जी से बात कर सकता हूं? हां, मैं मिसेज धवन ही बात...

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धीरेन्द्र अस्थाना : मे�

धीरेन्द्र अस्थाना को मैं पिछले तीस इकतीस बरस (यह संस्मरण 2005 में लिखा गया था) से...

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पत्थर दिल

शिरीष, कैसे हो! फोटो से तो यही लगता है, आगे के सारे बाल झड़ गये हैं। शायद चांद...

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नामी मास्‍टर

आज पता नहीं क्‍यों, नामी मास्‍टर याद आ रहे हैं। उनसे आखिरी बार पढ़े और मार खाये...

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फ़र्क

कुंदन आज बहुत खुश है। आज का दिन उसे मनमाफिक तरीके से मनाने के लिए मिला है। खूब...

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फैसले

बद्रीप्रसाद वापिस लौट रहे हैं। एकदम हताश। टूटे हुए। अपने ही घर से बेगाने होकर।...

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बर्मा यात्रा – कोई यात�

सारी यात्राएं सुख नहीं देतीं। कुछ ऐसी यात्राएं भी हमारे हिस्से में आ जाती हैं...

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बाजीगर

खबर हाथों हाथ पूरे दफ्तर में फैल गयी है। सभी लपक रहे हैं उस तरफ। जो भी सुनता है,...

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बाबा कार्ल मार्क्स की �

2005 का कथा यूके का इंदु शर्मा कथा सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार श्री असगर वजाहत को उनके...

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बाबू भाई पंड्या

बाबू भाई पंड्या से मेरी मुलाकात डॉक्टर भाटिया ने करायी थी। उन दिनों मेरी पोस्टिंग...

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बार नवापारा जहां पशु स�

इस बार आनंद हर्षुल और मनोज रूपड़ा के निमंत्रण पर पहली बार कथा विमर्श में रायपुर...

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अंग्रेजी फिल्‍म देखने

बात शायद 1999 के मुंबई फि़ल्‍म फेस्टिवल की है। तब तक उसका मुंबई से स्‍थायी रूप से...

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अमदावाद एटले अमदावाद

स्टेशन से बाहर निकलते ही आपकी आंखें किरासिन की तीखी गंध से जलने लगें, सांस भारी...

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आत्‍मकथ्‍य – गतांक से �

कथा बिम्‍ब के लिए आत्‍म कथ्‍य का ये अंश (जो इस अंश के बाद है) अरविंद जी के कई बरसों...

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एक कमज़ोर लड़की की कहा�

वे मेरी पहली फेसबुक मित्र थीं जो मुझसे रू ब रू मिल रही थीं। फेसबुक पर मेरी फ्रेंड...

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एक फर्लांग का सफरनामा

मुंबई में चर्चगेट स्टेशन से दो तरफ के एक फर्लांग के सफरनामे लिखे जा सकते हैं।...

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किराये का इंद्रधनुष

बम्बई की बरसात भी बस! मुसीबत ही है। कहाँ तो सोचा था कि इन दो–तीन दिनों में पूरी...

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कैसे मिलती थी शराब अहम�

मैं 1989 से 1995 लगभग 75 महीने अहमदाबाद में रहा। ज्यादातर अकेले ही रहना हुआ। बेशक मैं...

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कैसे मिलती थी शराब अहम�

मैं 1989 से 1995 लगभग 75 महीने अहमदाबाद में रहा। ज्यादातर अकेले ही रहना हुआ। बेशक मैं...

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क्या आप ग्रेसी राफेल स�

निकलने के लिए तीन तरफ के लिए तीन चार रास्ते मिलेंगे। दायीं तरफ, बायीं तरफ और सामने,...

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खो जाते हैं घर

बब्बू क्लिनिक से रिलीव हो गया है और मिसेज राय उसे अपने साथ ले जा रही हैं। उन्होंने...

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घर बेघर

लंदन से महेश आया हुआ है। यारी रोड का अपना मकान खाली कराने के लिए। दो बरस पहले जब...

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छूटे हुए घर

वे महिलाएं अपनी जिंदग़ी के सबसे कठिन दौर से गुज़र रही थीं। वे बेहद चिड़चिड़ी...

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छोटे नवाब, बड़े नवाब

आखिर फैसला हो ही गया। हालांकि इससे न छोटा खुश है, न बड़ा। बड़े को लग रहा है-छोटे...

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टैंकर

लुधियाना से जब करतारा ने टैंकर हाइवे पर लगाया तो रात के ग्यारह बज चुके थे। दिसम्बर...

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बार नवापारा जहां पशु स�

इस बार आनंद हर्षुल और मनोज रूपड़ा के निमंत्रण पर पहली बार कथा विमर्श में रायपुर...

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भंवर

और अब आर डी वर्मा, चंडीगढ़ ज़ोन के हैड। यौन उत्‍पीड़न यानी सैक्‍सुअल हैरेसमेंट...

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मछली

नींद नहीं आ रही। 11.45 हो रहे हैं। स्‍लिपिंग पिल्‍स लिये हुए भी दो घंटे हो गये। ये...

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अंग्रेजी फिल्‍म देखने

बात शायद १९९९ के मुंबई फि़ल्‍म फेस्टिवल की है। तब तक उसका मुंबई से स्‍थायी रूप...

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मर्द नहीं रोते

रामदत्‍त जी को ऑटो वाले ने संध्‍या आश्रम के गेट पर ही छोड़ दिया है। उनकी अटैची...

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मातमपुर्सी

इस बार भी घर पहुंचने से पहले ही बाउजी ने मेरे लिए मिलने जुलने वालों की एक लम्बी...

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मोबाइल ने बचाई हमारी ज�

10 दिसम्‍बर 2007 की सर्द सुबह थी वह। सवेरे साढ़े पांच बजे का वक्‍त। मुझे फरीदाबाद...

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यह जादू नहीं टूटना चाह�

अभी केबिन में आकर बैठा ही हूं कि मेरे निजी फोन की घंटी बजी। इस नम्बर पर कौन हो सकता...

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ये जो देश है मेरा…( कहान

हरलीन मेरी फेसबुक फ्रेंड थी। थी कहना कितनी तकलीफ दे रहा है। कल रात तक वह मेरे साथ...

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ये हत्‍या का मामला है

व्‍हाट्सअप पर मैसेज की आवाज़ आयी है। देखता हूं – गुलाटी साहब का मैसेज है। दिन...

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रंग–बदरंग

उन्हें दूसरे पैग से नशा होने लगा है। दिमाग में हल्की–हल्की सी झनझनाहट शुरू हो...

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राइट नम्बर : राँग नम्बर

इस मामले की शुरूआत उस वक्त हुई थी जब मैंने रिलायंस का मोबाइल फोन लिया ही था। शायद...

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लंदन में मुलाकात नवाज़

कथा यूके के सम्‍मान समारोह में शिरकत करने के लिए जब मैं जुलाई 2007 में लंदन की यात्रा...

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ललिता मैडम

तो ये चैप्‍टर भी खत्‍म हुआ। उदास ज़िंदगी का एक और उदास चैप्‍टर। एक ही बरस का चौथा...

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शिब्बू

हमने उस वक्त तक दौड़ में मिल्खा सिंह का ही नाम सुना था। हमें तब तक पता नहीं था कि...

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सही पते पर

आज का सारा शेड्यूल बिगड़ गया। एक तो गाड़ी आठ घंटे लेट और ऊपर से मद्रास बंद। स्टेशन...

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सांस सांस में बसा देहर�
Suraj Prakash

बहुत पुराना किस्सा है। एक बुजुर्ग शख्स अपने बंगले के हरे भरे लॉन में शाम के वक्त...

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सुनंदा
Suraj Prakash

इस बार स्‍थानान्‍तरणों के लिए जो सूची जारी की गई है, उसमें सुनन्‍दा वाजपेयी का...

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हादसे ऐसे भी होंगे….!!
Suraj Prakash

तभी मेरे साथ वह हादसा हुआ था। 13 अगस्त की रात। उस रात भयंकर बरसात हो रही थी। मैं...

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वक्त आ गया है कि वृक्षो�

आज मुंबई के नवभारत टाइम्स में। एक देवतुल्य व्यक्तित्व से मुलाकात। पढ़ने की सुविधा...

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एक लुप्त हो रही भाषा को
Suraj Prakash

विभाजन के समय पाकिस्तान के सरायकी इलाके (झंग, मुल्तान, बन्नू, कुहाट, डेरा गाजी...

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बोध कथा - बर्तनों के बच्
Suraj Prakash

बोध कथा - बर्तनों के बच्चे बचपन में ये कथा सुनी थी। अब बोध कथा के रूप में प्रस्तुत...

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अच्‍छी किताबें पाठकों
Suraj Prakash

अच्‍छी किताबें पाठकों की मोहताज नहीं होतीं। वे अपने पाठक खुद ढूंढ लेती हैं। उन्‍हें...

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बोध कथा 6

बहुत पहले की बात है। नयी नयी नौकरी थी। वेतन मिला था। खुश होना लाजमी था। सब दोस्त...

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जीओ मेरे लाल

हमारे एक मित्र अपने एक रिश्तेदार का किस्सा सुना रहे थे। जनाब 91 बरस के हैं। रोज...

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वो होली

कई होलियाँ याद आती हैं। बचपन के शहर देहरादून की होलियाँ जहाँ बड़े लोग झांझ मझीरे...

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कुर्सी खाली करने के बा�
Suraj Prakash

खबर है कि पोलैंड के भूतपूर्व राष्ट्रपति अब फिर से अपने पुराने धंधे में लौटना...

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आधुनिक बोध – भाग 1

एक गांव में रहने के लिए एक नया शहरी आया। चाय पानी के बहाने सबसे मेल जोल बढ़ाया। एक...

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आधुनिक बोध – भाग 2

एक था कुम्‍हार। उसके पास थे बहुत सारे गधे। वैसे तो कुम्‍हार का अपना पुश्‍तैनी...

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आधुनिक बोध – भाग 3
Suraj Prakash

एक देश था। उसमें बहुत सारे लोग रहते थे। उन बहुत सारे लोगों में से भी बहुत सारे...

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मेरी ज़िन्दगी का रफ़ ड�
Suraj Prakash

सातवीं में था। देहरादून के गांधी स्‍कूल में। एक टीचर आयीं संतोष अरोड़ा। वे हिंदी...

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Kho Jaate Hain Ghar by Suraj Prakash (Bolti Kahaniyan # 33)

लोग तो अक्सर खो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी घर भी खो जाते हैं। सुनिये सूरज प्रकाश की...

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महानगर की कथाएं – भाग 4

13. विकल्प वह भिखारन थी। होश सँभालते ही उसने भीख माँगना शुरू कर दिया था। भीख माँगते...

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महानगर की कथाएं – भाग 3

9. विकल्पहीन वे बहुत सारे हैं। अलग अलग उम्र के लेकिन लगभग सभी रिटायर्ड या अपना...

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महानगर की कथाएं – भाग 2

5. विकल्प “सुन री, अगले हफ्ते से बजाज सेंटर में चाइनीज और ओरिएंटल कुकरी की क्लासेस...

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महानगर की कथाएं – भाग 1

1. विकल्पहीन उस स्कूल की हैडमिस्ट्रेस रोज ही देखती है कि मिसेज मनचन्दा स्कूल का...

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ख़्वाबगाह

ख़्वाबगाह उपन्यासिका सूरज प्रकाश एक एक बार फिर विनय का फोन। अब तो मैं मोबाइल...

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देस बिराना

देस बिराना सूरज प्रकाश पहली किस्त 24 सितम्बर, 1992। कैलेंडर एक बार फिर वही महीना...

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एनीमल फॉर्म

एनीमल फॉर्म जॉर्ज ऑर्वेल अनुवाद: सूरज प्रकाश (1) ताल्लुका बाड़े यानी मैनर...

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सबको पता था वह मार डाला

सबको पता था वह मार डाला जाएगा। सूरज प्रकाश गैब्रियल गार्सिया मार्खेज़ के उपन्यास का...

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चार्ल्स डार्विन की आत्

चार्ल्स डार्विन की आत्मकथा अनुवाद एवं प्रस्तुति: सूरज प्रकाश और के पी तिवारी अनुवादक...

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चार्ली चैप्लिन - मेरी आ�

चार्ली चैप्लिन मेरी आत्मकथा अनुवाद सूरज प्रकाश 1 ऊना को चार्ली चैप्लिन होने...

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Charles Darwin: चार्ल्स डार्विन

चार्ल्स डार्विन (१२ फरवरी, १८०९ – १९ अप्रैल १८८२) ने क्रमविकास (evolution) के सिद्धान्त...

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KHAWAABGAAH ख़्वाबगाह: लघु उपन्

समर्पण उस अनाम पाठिका को जिसने परिचय के दस दिन के भीतर मुझसे अपनी व्यथा कथा इस...