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Wah Re Govinda Wah
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Wah Re Govinda Wah

by Dinesh Sahu
4.8
4.8 out of 5

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Creators
Author Dinesh Sahu
Publisher Lokbharti Prakashan
Synopsis प्रस्तुत नाट्य शृंखला समाज के विभिन्न किरदारों को माध्यम बनाकर समाज के अमानवीय कृत्यों को उजागर कर यथार्थ को परदे के सामने लाती है। साथ ही जहाँ नाटक ‘वाह रे गोविन्दा वाह में’, मर्द दिवस की गुदगुदाने वाली परिकल्पना से पाठक और दर्शकों का जमकर मनोरंजन करती है वहीं ‘मैं इकबाल’ नाटक की रचना समाज के दिग्भ्रमित युवाओं को सच्ची और उजियारी राह पर लाने के लिए मशाल का काम करती है। नाटक की विषयवस्तु में किसी तरह का पांडित्य प्रदर्शन नहीं बल्कि अनछुए विषयों को बड़ी ही रोचकता के साथ स्पर्श किया गया है। नाटक के हर दृश्य को मंच पर बड़ी सुगमता से दर्शाया जा सकता है। इसमें सन्देह नहीं। एक में हास्य रस की चाशनी है तो दूसरे में यथार्थ का कड़ुवा घूँट।

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Binding: Hardbound
About the author दिनेश साहू जन्म : प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। शिक्षा : इलाहबाद विश्वविद्यालय से बी.कॉम.। गतिविधियाँ : दूरदर्शन द्वारा निर्माणाधीन टेली फिल्म ‘‘वक्त का फैसला व धरती माँ’’ का निर्देशन, चंगू मंगू, मंहगा सिन्दूर, धरती माँ, फेकू चौधरी व अन्य धारावाहिक में अभिनय, चुड़िहार देवर, दगाबाज मामा व अन्य सी.डी. फिल्मस् व एल्बम में कार्य, एहमा हमारा कसूर का बा, लंदन वाली से नेहा लागौली, अजीब बूढ़ी औरत व अन्य फिल्मों में अभिनय। सन् १९७९ से लगातार रंगमच में कार्यरत। कई नाटकों में अभिनय व निर्देशन, क़फन, रेत की दीवार, सूखा वृक्ष, दिशाहीन, राजा की मोहर, ला हौल विला कूबत, परिचय व अन्य रंगमंच में अभिनय। सम्मान : ‘मारो-मारो पागल है’ व ‘जस गुरु तस चेला’ अखिल भारतीय लघु नाट्य प्रतियोगिता से पुरस्कृत तथा लधु नाट्यप्रतियोगिता में श्रेष्ठ कलाकार के रूप में सम्मानित।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Lokbharti Prakashan
  • Pages: 120
  • Binding: Hardbound
  • ISBN: 9789389742626
  • Category: Drama
  • Related Category: Drama & Theatre
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