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Home Literature Short Stories Vasco Da Gama Ki Cycle
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Vasco Da Gama Ki Cycle
by Pravin Kumar
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorPravin Kumar
PublisherShiksha Bharti
Synopsis‘‘प्रवीण की कहानियाँ समाज में व्याप्त हिंसा की पहचान करती हैं और उसका प्रतिरोध भी रचती हैं। निश्चय ही वह हिंसा के सूक्ष्म रूपों को भी ओझल नहीं होते देते। वह उन्हें अपने चरित्रों के रोज़मर्रा के सामाजिक व्यवहार में प्रकट करते हैं। इस वजह से भी युवा कथाकारों में उनकी अहमियत है।’’
- अखिलेख, संपादक तद्भव
‘‘प्रवीण कुमार की इधर की कहानियों में भी स्थानीय राजनीति की तिकड़मों, मीडिया के खेल और सामुदायिक-मानवीय सम्बन्धों को समेटते सघन कथासूत्र मौजूद हैं, पर साथ में एक नया उद्विकास, परिवेश की तात्कालिकता से मुक्त, जीवन के कुछ सामान्य प्रश्नों की ओर उनके रुझान में देखा जा सकता है। निस्संदेह, इन कहानियों के साथ प्रवीण का कहानी-संसार और वैविध्यपूर्ण हुआ है।’’
- संजीव कुमार, संपादक आलोचना
‘‘प्रवीण कुमार की कहानियाँ अपने ही निजी, अपूर्व तरीके से इस समय की तमामतर त्रासदियों और विपत्तियों और उत्पीड़न के नए नए रूपों की पहचान करती और कराती हैं। लेकिन वे यहीं पर ठहरती नहीं। वे सिर्फ बाहर नहीं, ‘भीतर’ भी देखती हैं। और इस तरह हिंदी कहानी की दुनिया में चले आते ‘बाह्य यथार्थ’ और ‘आंतरिक दुनिया’ के या ‘आत्म’ और ‘जगत’ के कृत्रिम, सरलीकृत विभाजन को ध्वस्त करती हैं।’’
- योगेन्द्र आहूजा, कहानीकार