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Satyajit Rai: Pather Panchali Aur Film Jagat
by Mahendra Mishra
4.1
4.1 out of 5
Creators
AuthorMahendra Mishra
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsis‘सत्यजित राय: पथेर पांचाली और...’ यह पुस्तक ‘पथेर पांचाली’ जैसी कालजयी फिल्म के बहाने इस महान सिने-निर्देशक के कला-कर्म को जानने-समझने की सच्ची और गहरी कोशिश से पैदा हुई एक ऐसी कृति है, जिसे हिन्दी में एक नई शुरुआत की तरह देखा जा सकता है। इस पुस्तक को पढ़ना सिर्फ एक वैचारिक फिल्मी दस्तावेज से गुज़रना नहीं, बल्कि एक अनुभव- समृद्ध विवेकशील गाइड के साथ सत्यजित राय के रंगारंग कला-संसार के उन अनेक कोनों और गलियारों से गुजश्रना है, जिन्हें बहुतों ने देखा नहीं और जिन्होंने देखा, वे लगभग भूल चुके हैं। अस्तु, यह कृति दोनों ही कार्यों को पूरा करती है - नए पाठकों को यहाँ एक महान कला-सर्जक से परिचित होने का सुख मिलेगा और पुरानों को अभिज्ञान का एक विलक्षण आनंद।
इस पुस्तक के लेखक महेन्द्र मिश्र की पहली विशेषता तो यही है कि वे पेशेवर अर्थ में फिल्म-समीक्षक नहीं हैं। वस्तुतः वे प्रकृति से कवि-विचारक हैं, कर्म से एक अनुभव-सिद्ध पूर्व प्रशासक और रुचि से एक गहरे फिल्म प्रेमी। इसीलिए पूरी पुस्तक की भाषा और व्याख्या-विश्लेषण में एक सहज अनौपचारिकता की गंध मिलेगी, जो इसे इस प्रकार के समस्त लेखन से भिन्न और विशिष्ट बनाती है। असल में यह पुस्तक सत्यजित राय के वृहत् कला-संसार की ओर खुलनेवाली एक खिड़की है - संभवतः हिन्दी की पहली ऐसी खिड़की, जिससे आती हुई रोशनी पर भरोसा किया जा सकता है। यह रोशनी पाठकों तक पहुँचेगी - ऐसा मेरा विश्वास है।
- केदारनाथ सिंह