logo
Home Literature Modern & Contemporary Samaaj : Jismen Main Rahata Hoon
product-img
Samaaj : Jismen Main Rahata Hoon
Enjoying reading this book?

Samaaj : Jismen Main Rahata Hoon

by Narendra Kohli
4.1
4.1 out of 5
Creators
Publisher Hind Pocket Books
Synopsis नरेंद्र कोहली जितना अपने लेखन के आख्यान और प्रवाह के लिए जाने जाते हैं, उतने ही वे अपने विचारों की स्पष्टता के लिए भी जाने जाते हैं। उनसे कहा जाता रहा कि लोग उससे बात करने से डरते हैं, पता नहीं वे आगे क्या कहेंगे। उनका कहना था की समाज में ऐसा कहा जाता है कि 'हमें हमेशा सच बोलना चाहिए, लेकिन ज्यादातर लोगों में इसे सुनने की हिम्मत नहीं होती है। ज्यादातर लोग वही बोलते हैं जो दूसरे सुनना चाहते हैं। लेकिन ये छोटी-छोटी बातें, जिन्हें हम ज्यादा महत्व नहीं देते या जरूरी नहीं समझते, वे ही हमारे व्यक्तित्व का आईना हैं। समाज, जिसमें मैं रहता हूं, लेखक की उसी विचारधारा को दर्शाता है। नरेंद्र कोहली की लेखनी और जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों का यह संस्मरण रोचक भी है और गंभीर भी. इसमें व्यंग्य भी है और शिष्टता भी। यह जीवन का सत्य भी है, और स्वयं जीवन का भी। नरेंद्र कोहली जी के मजबूत लेखन ने इसे और अधिक तीव्र और जीवंत बना दिया है।

Enjoying reading this book?
Binding: Hardcover
About the author नरेन्द्र कोहली का जन्म 6 जनवरी 1940, सियालकोट ( अब पाकिस्तान ) में हुआ । दिल्ली विश्वविद्यालय से 1963 में एम.ए. और 1970 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की । शुरू में पीजीडीएवी कॉलेज में कार्यरत फिर 1965 से मोतीलाल नेहरू कॉलेज में । बचपन से ही लेखन की ओर रुझान और प्रकाशन किंतु नियमित रूप से 1960 से लेखन । 1995 में सेवानिवृत्त होने के बाद पूर्ण कालिक स्वतंत्र लेखन। कालजयी कथाकार एवं मनीषी डॉ. नरेन्द्र कोहली की गणना आधुनिक हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में होती है। कोहली जी ने साहित्य की सभी प्रमुख विधाओं (उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी) एवं गौण विधाओं (संस्मरण, निबन्ध, पत्र आदि) और आलोचनात्मक साहित्य में अपनी लेखनी चलाई। हिन्दी साहित्य में ‘महाकाव्यात्मक उपन्यास’ की विधा को प्रारम्भ करने का श्रेय नरेन्द्र कोहली को ही जाता है। पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक समाज की समस्याओं एवं उनके समाधान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना नरेन्द्र कोहली की अन्यतम विशेषता है। नरेन्द्र कोहली सांस्कृतिक राष्ट्रवादी साहित्यकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय जीवन-शैली एवं दर्शन का सम्यक् परिचय करवाया है। रचनाएँ: अभ्युदय (दो भाग), महासमर 1: बन्धन, महासमर 2: अधिकार, महासमर 3: कर्म, महासमर 4: धर्म, महासमर 5: अन्तराल, महासमर 6: प्रच्छन्न, महासमर 7: प्रत्यक्ष, महासमर 8: निर्बन्ध,महासमर (रजत संस्करण-9 खण्डों में), महासमर (विशेष संस्करण-9 खण्डों में ही उपलब्ध), सैरन्ध्री , न भूतो न भविष्यति (व्यास सम्मान 2013), मत्स्यगन्धा, हिडिम्बा, कुन्ती, मेरे राम: मेरी रामकथा, पुनरारम्भ, अवसर, दीक्षा, संघर्ष की ओर, युद्ध (दो भाग), देश के हित में (उपन्यास), सबका घर (बाल उपन्यास) समग्र कहानियाँ (दो भाग), व्यंग्य गाथा (दो भाग), मुहल्ला, वह कहाँ है , सबसे बड़ा सत्य,हुए मर के हम जो रुसवा, नामचर्चा, देश के शुभचिन्तक, त्राहि त्राहि, इश्क एक शहर का, राम लुभाया कहता है, आयोग, सपने में आये तीन परिवार, गणतन्त्र का गणित, किसे जगाऊँ, प्रतिनाद, स्मरामि (व्यंग्य), किष्कधा, अगस्त्य कथा (नाटक), हिन्दी उपन्यास: सृजन और सिद्धान्त, प्रेमचन्द (आलोचना), जहाँ है धर्म वहीं है जय, इंद्रधनुष, अभिज्ञान, अहल्या, नरेन्द्र कोहली ने कहा (विचार-लेख)। सम्मान: व्यास सम्मान, शलाका सम्मान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान, अट्टहास सम्मान |
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Hind Pocket Books
  • Pages: 248
  • Binding: Hardcover
  • ISBN: 9780670095384
  • Category: Modern & Contemporary
  • Related Category: Novel
Share this book Twitter Facebook
Related articles
Related articles
Related Videos


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Hathiyar Weh, Jo Samaye par Kaam Aaye by Dr. Pratap Anam
Dilli Mein Ek Maut by Kamleshwar
Kanooni Salaah/कानूनी सलाह by एम जे एंटनी
Lal Qila Tatha Abha: 2 Prasiddh Novel Ek Sath by Aacharya Chatursen
Mahan Sant Kavi Kabir by Avdesh Kumar Chaubey
Jaisa Chaaho Waisa Bano/जैसा चाहो वैसे बनो by स्वेट मार्डेन
Books from this publisher
Related Books
Subhadra Narendra Kohli
Kshama Karna Jiji Narendra Kohli
Shikhandi Narendra Kohli
Pratyavartan Narendra Kohli
Ram Katha Narendra Kohli
VASUDEV Narendra Kohli
Related Books
Bookshelves
Stay Connected