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Home Literature Drama Sakha Ram Bainder
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Sakha Ram Bainder
by Vijay Temdulkar
4.1
4.1 out of 5
Creators
AuthorVijay Temdulkar
PublisherLokbharti Prakashan
Synopsisश्रीमती सरोजिनी वर्मा द्वारा मराठी के वर्चस्वी नाटककार श्री विजय तेंडुलकर की अत्यंत विवादस्पद और बहुचर्चित कृति 'सखाराम बाइंडर' का सशक्त और प्राणवान अनुवाद, जिसने रंगमंच पर दांपत्य जीवन की गोपनीय नैतिकता का साहसपूर्ण ढंग से पर्दाफाश किया है ! सरकारी नियंत्रण को चुनौती देकर उच्चतम न्यायालय से लेखकीय अभिव्यक्ति के आधार पर मान्यता पाने वाला अपने ढंग का अकेला और अनूठा नाटक है !
'सखाराम बाइंडर' को इस तरह प्रस्तुत किया गया है कि वह गलाजत से भरी दिखावटी संभ्रांतता को पहली बार इतने सक्षम ढंग से चुनौती देता है ! रटे-रटाये मूल्यों को सखाराम ही नहीं इस नाटक के सारे पात्र अपनी पात्रता की खोज में ध्वस्त करते चले जाते हैं ! जिन नकली मूल्यों को हम अपने ऊपर आडम्बर की तरह थोप कर चिकने-चुपड़े बने रहना चाहते है, उसे सही-सही इस आइने में निर्ममता से उघडता हुआ देखते हैं ! 'सखाराम बाइंडर' वही आइना है !
भाषा के स्तर पर सारे पत्र बड़ी खुली और ऐसी बाजारुपन से संयुक्त भाषा का प्रयोग करते हैं जिन्हें हमने अकेले-दुकेले कभी सुना जरुर होगा ! किन्तु उसे अपने संस्कारिता का अंश मानने में सदैव कतराते रहे हैं ! पुरे नाटक में कथावस्तु की विलक्षणता न होते हुए भी पात्रों का आपसी संयोजन भाषा के जिस स्तर पर नाटककार ने किया है, वही नाटकीयता को उभारने में अदभुत रूप से सफल हुआ !