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Home Health Yoga & meditation Rajyoga : Swaroop evam Sadhna
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Rajyoga : Swaroop evam Sadhna
by Yogi Adityanath
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorYogi Adityanath
PublisherPrabhat Prakashan
Synopsisराजयोग मूलतः मन के निरोध की साधना है।...मन ही मनुष्यों के बंधन और मोक्ष का कारण है। जो मन विषयों में आसक्त हो, वह बंधन का और जो विषयों से पराङ्मुख हो, वह मोक्ष का कारण होता है। मन और प्राण का पारस्परिक अटूट संबंध है। मन के निरोध से प्राण स्पंद रुक जाता है और प्राण स्पंद की शिथिलता मन को एकाग्र बना देती है। इसीलिए मन के निरोध के लिए प्राण स्पंद की गतिविधि पर सम्यक् अनुशासन रखना आवश्यक है।...इसके लिए शुद्ध मन से, बुद्धि की सहायता से तत्त्वज्ञान प्राप्त करके, अर्थात् विवेक एवं वैराग्य द्वारा मन को बाह्य विषयों से हटाने का अभ्यास किया जाता है। प्रवृत्ति-भावना से अलग होकर निवृत्ति-भावना को सुदृढ़ बनाने का अभ्यास जब पक्का हो जाता है, तब मन का निरोध होता है। इसके लिए शास्त्रों के श्रवण और मनन की आवश्यकता अपरिहार्य है। फलतः उतनी ही तत्परता तथा दृढ़ता से उक्त प्रक्रिया द्वारा मन का निरोध होगा; और यही ‘राजयोग’ है।
—इसी पुस्तक से