Welcome Back !To keep connected with uslogin with your personal info
Login
Sign-up
Login
Create Account
Submit
Enter OTP
Step 2
Prev
Home Reference Dictionary & encyclopaedia Rajpal Kahavat Kosh
Enjoying reading this book?
Rajpal Kahavat Kosh
by Samar Singh
4.2
4.2 out of 5
Creators
AuthorSamar Singh
PublisherRajpal
Synopsisयह अनूठा ग्रंथ एक प्रकार से त्रिवेणी के संगम समान है। कारण यह कि इसमें भी तीन अलग-अलग भागों या धाराओं का एक स्थान पर व एक आवरण में प्रस्तुतीकरण क्रिया गया है। प्रथम व मुख्य भाग हिन्दी की 1200 से अधिक कहावतों का है, जिनके साथ संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, पारसी एवम् अरबी भाषाओं की समान या मिलती-जुलती कहावतों को भी दिया गया है। इस प्रकार सब मिलाकर चार भाषाओं की लगभग सात हजार कहावतों का संग्रह इस ग्रंथ में सम्मिलित है। दूसरा भाग संस्कृत न्यायावाली का है जिसमें संस्कृत के 406 नियम या सिद्धान्त, प्रयोगसहित सम्मिलित है। तीसरा भाग संस्कृत सुमाषितावली का है, जिसमें लगभग 700 सुभाषित, प्रयोगसहित दिए गए हैं।