Pratyaksh : Mahasamar7
by Narendra Kohli
Synopsis
‘महासागर’ हमारा काव्य भी है, इतिहास भी और अध्यात्म भी। हमारे प्राचीन ग्रंथ शाश्वत सत्य की चर्चा करते हैं। वे किसी कालखंड के सीमित सत्य में आबद्ध नहीं हैं, जैसा कि यूरोपीय अथवा यूरोपीयकृत मस्तिष्क अपने अज्ञान अथवा बाहरी प्रभाव में मान बैठा है। नरेंन्द्र कोहली ने न महाभारत को नए संदर्भो में लिखा है, न उसमें संशोधन करने का कोई दावा है। न वे पाठको को महाभारत समझाने के लिए, उसकी व्याख्या कर रहे हैं। नरेन्द्र कोहली यह नहीं मानते कि महाकाल की यात्रा, खंडों में विभाजित है, इसलिए जो घटनाए घटित हो चुकी हैं, उनमें अब हमारा कोई संबन्ध नहीं है, उनकी मान्यता है कि न तो प्रकृति के नियम बदले हैं, न मनुष्य का मनोविज्ञान। मनुष्य की अखंड कालयात्रा को इतिहास खंड़ों में बाँटे तो बाँटे, साहित्य उन्हें विभाजित नहीं करता, यद्यपि ऊपरी आवरण सदा ही बदलते रहते हैं।
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About the author
नरेन्द्र कोहली का जन्म 6 जनवरी 1940, सियालकोट ( अब पाकिस्तान ) में हुआ । दिल्ली विश्वविद्यालय से 1963 में एम.ए. और 1970 में पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की । शुरू में पीजीडीएवी कॉलेज में कार्यरत फिर 1965 से मोतीलाल नेहरू कॉलेज में । बचपन से ही लेखन की ओर रुझान और प्रकाशन किंतु नियमित रूप से 1960 से लेखन । 1995 में सेवानिवृत्त होने के बाद पूर्ण कालिक स्वतंत्र लेखन।
कालजयी कथाकार एवं मनीषी डॉ. नरेन्द्र कोहली की गणना आधुनिक हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में होती है। कोहली जी ने साहित्य की सभी प्रमुख विधाओं (उपन्यास, व्यंग्य, नाटक, कहानी) एवं गौण विधाओं (संस्मरण, निबन्ध, पत्र आदि) और आलोचनात्मक साहित्य में अपनी लेखनी चलाई। हिन्दी साहित्य में ‘महाकाव्यात्मक उपन्यास’ की विधा को प्रारम्भ करने का श्रेय नरेन्द्र कोहली को ही जाता है। पौराणिक एवं ऐतिहासिक चरित्रों की गुत्थियों को सुलझाते हुए उनके माध्यम से आधुनिक समाज की समस्याओं एवं उनके समाधान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना नरेन्द्र कोहली की अन्यतम विशेषता है। नरेन्द्र कोहली सांस्कृतिक राष्ट्रवादी साहित्यकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय जीवन-शैली एवं दर्शन का सम्यक् परिचय करवाया है।
रचनाएँ: अभ्युदय (दो भाग) , महासमर 1: बन्धन , महासमर 2: अधिकार , महासमर 3: कर्म , महासमर 4: धर्म , महासमर 5: अन्तराल , महासमर 6: प्रच्छन्न , महासमर 7: प्रत्यक्ष , महासमर 8: निर्बन्ध ,महासमर (रजत संस्करण-9 खण्डों में) , महासमर (विशेष संस्करण-9 खण्डों में ही उपलब्ध) , सैरन्ध्री , न भूतो न भविष्यति (व्यास सम्मान 2013), मत्स्यगन्धा , हिडिम्बा , कुन्ती , मेरे राम: मेरी रामकथा , पुनरारम्भ , अवसर, दीक्षा , संघर्ष की ओर , युद्ध (दो भाग), देश के हित में (उपन्यास) , सबका घर (बाल उपन्यास) समग्र कहानियाँ (दो भाग) , व्यंग्य गाथा (दो भाग) , मुहल्ला , वह कहाँ है , सबसे बड़ा सत्य ,हुए मर के हम जो रुसवा , नामचर्चा , देश के शुभचिन्तक , त्राहि त्राहि, इश्क एक शहर का , राम लुभाया कहता है , आयोग, सपने में आये तीन परिवार, गणतन्त्र का गणित , किसे जगाऊँ, प्रतिनाद, स्मरामि (व्यंग्य) , किष्कधा, अगस्त्य कथा (नाटक) , हिन्दी उपन्यास: सृजन और सिद्धान्त, प्रेमचन्द (आलोचना), जहाँ है धर्म वहीं है जय , इंद्रधनुष , अभिज्ञान , अहल्या , नरेन्द्र कोहली ने कहा (विचार-लेख)।
सम्मान: व्यास सम्मान, शलाका सम्मान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान, अट्टहास सम्मान |
Specifications
Language: Hindi
Publisher: Vani Prakashan
Pages: 452
Binding: HardBack
ISBN: 9788181439406
Category: Short Stories
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