logo
Home Literature Short Stories Phoolo Ka Kurta
product-img
Phoolo Ka Kurta
Enjoying reading this book?

Phoolo Ka Kurta

by Yashpal
4.5
4.5 out of 5

publisher
Creators
Author Yashpal
Publisher Lokbharti Prakashan
Synopsis

Enjoying reading this book?
Binding: PaperBack
About the author यशपाल (3 दिसम्बर 1903 - 26 दिसम्बर 1976 का नाम आधुनिक हिन्दी साहित्य के कथाकारों में प्रमुख है। ये एक साथ ही क्रांतिकारी एवं लेखक दोनों रूपों में जाने जाते है। प्रेमचंद के बाद हिन्दी के सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकारों में इनका नाम लिया जाता है। अपने विद्यार्थी जीवन से ही यशपाल क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े, इसके परिणामस्वरुप लम्बी फरारी और जेल में व्यतीत करना पड़ा। इसके बाद इन्होने साहित्य को अपना जीवन बनाया, जो काम कभी इन्होने बंदूक के माध्यम से किया था, अब वही काम इन्होने बुलेटिन के माध्यम से जनजागरण का काम शुरु किया। यशपाल को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन 1970 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।यशपाल के लेखन की प्रमुख विधा उपन्यास है, लेकिन अपने लेखन की शुरूआत उन्होने कहानियों से ही की। उनकी कहानियाँ अपने समय की राजनीति से उस रूप में आक्रांत नहीं हैं, जैसे उनके उपन्यास। नई कहानी के दौर में स्त्री के देह और मन के कृत्रिम विभाजन के विरुद्ध एक संपूर्ण स्त्री की जिस छवि पर जोर दिया गया, उसकी वास्तविक शुरूआत यशपाल से ही होती है। आज की कहानी के सोच की जो दिशा है, उसमें यशपाल की कितनी ही कहानियाँ बतौर खाद इस्तेमाल हुई है। वर्तमान और आगत कथा-परिदृश्य की संभावनाओं की दृष्टि से उनकी सार्थकता असंदिग्ध है। उनके कहानी-संग्रहों में पिंजरे की उड़ान, ज्ञानदान, भस्मावृत्त चिनगारी, फूलों का कुर्ता, धर्मयुद्ध, तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ और उत्तमी की माँ प्रमुख हैं।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Lokbharti Prakashan
  • Pages: 128
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9788180314407
  • Category: Short Stories
  • Related Category: Novella
Share this book Twitter Facebook


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Swatantroyottar Hindi Natak : Mulya Sankraman by Jyotishwar Mishra
Shriramcharitmanas by
Ras Siddant Ka Punarvivechan by Ganpatichandra Gupt
Pul Kabhi Kahali Nahi Milte by Sudhanshu Upadhyaya
Kriti Vikriti Sanskriti by Satya Prakash Mishra
Teri Kurmai Ho Gai by Sunil Vikram Singh
Books from this publisher
Related Books
Tark Ka Toofan Yashpal
Pratinidhi Kahaniyan : Yashpal Yashpal
Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya (Vol. 2) Yashpal
Jhootha Sach : Vatan Aur Desh (Vol. 1) Yashpal
Jhootha Sach : Desh Ka Bhavishya (Vol. 2) Yashpal
Jhootha Sach : Vatan Aur Desh (Vol. 1) Yashpal
Related Books
Bookshelves
Stay Connected