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Home Nonfiction Biographies & Memoirs Gapodi se Gapshap : Kashinath Singh se Samvad
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Gapodi se Gapshap : Kashinath Singh se Samvad
by
4.2
4.2 out of 5
Creators
Author
PublisherRajkamal Prakashan
EditorPallav
Synopsis‘गपोड़ी से गपसप’ विख्यात कथाकार काशीनाथ सिंह के साक्षात्कारों का संकलन है |
विविध विधाओं में रचने के बाद भी बहुत कुछ ऐसा है जो अनकहा रह जाता है | कई बार जब लेखक प्रश्नों से घिरता है अथवा जब प्रश्न-प्रतिप्रश्न की प्रक्रिया प्रारंभ होती है तब वह अनकहा व्यक्त होने लगता है | प्रस्तुत पुस्तक के संपादक पल्लव के अनुसार—
कथाकार की बातें कैसी होती है? अलबत्ता इससे भी पहले यह पूछना चाहिए कि क्या है जो कहने से रह गया?
काशीनाथ सिंह से की गई बातचीतों को संजोते हुए इन सवालों का उभरना अस्वाभाविक तो नहीं है | कहना चाहिए कि ये बातचीतें बहुधा उनके पाठकों, प्रशंसकों या उनके साहित्य में दिलचस्पी रखने वाले जिज्ञासुओं के कारण संभव हुई | इन बातचीतों का समय भी बहुत व्यापक है | लगभग तीस सालों का सफ़र पूरा करतीं ये मुलाकातें अपने स्वाभाव में आत्मीय गपशप हैं | लेखक का संकोच और प्रश्नकर्ता की तमाम जिज्ञासाएँ मिलकर बातचीत को उत्तेजक नहीं बनातीं, न ही ये कथाकार के श्रीमुख से निकले आप्त-वचनों का सुसंकलन बन रही हैं | अपितु संशय, आत्मालोचना और जनतांत्रिकता इन संवादों को पठनीय बनाते हैं | लेखक इनमें औपचारिक होने से बचता है और जो कहा है सीधे-बेलाग |
पाठक जानते है कि काशीनाथ सिंह विचारों को व्यक्त करते समय ‘भाषा को दरेरा’ देते रहते हैं | यही कारन है कि विभिन्न विषयों पर उनकी टिप्पणियाँ व्यापक विमर्शों का आधार बनती रही हैं |
यह भी कि इन साक्षात्कारों से गुजरने के बाद काशीनाथ सिंह के व्यक्तित्व-कृतित्व के प्रति पाठक का दृष्टिकोण संशोधित-परिष्कृत होता है |