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Home Literature Romance February Notes
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February Notes
by Dr. Pawan Vijay
4.2
4.2 out of 5
Creators
AuthorDr. Pawan Vijay
PublisherHarf Media Private Limited
Synopsisबारिशें लौटकर आती हैं, पतझड़ और वसंत लौटकर आता है, ठीक इसी तरह पहला प्यार भी जीवन के किसी ना किसी मोड़ पर अवश्य लौटकर आता है, चाहे वह स्मृतियों के रूप में या सदेह हो। मन के श्यामपट्ट पर स्नेह के श्वेत अक्षरों में लिखे गये शब्द समय के डस्टर से मिटाए नही मिटते। जीवन की आपाधापी में जब वे अक्षर हमारी देहरी पर आकर खड़े होते हैं तो लगता है कि एक बार फिर फरवरी ने दिल के द्वार खटखटा दिए हों। मधुमास के नुपुर खनखनाने लगते हैं. घर और दफ्तर का शोर अतीत की मधुर ध्वनियों में विलीन होने लगता है। उस पार जाने के लिए वर्तमान की खाई के ऊपर पुल बनने लगता हैं। फरवरी हर साल आती है लेकिन जिस पर हमने कोई हर्फ़ लिखा है वह फरवरी जीवन में एक ही बार आती है। फिर से उसके वासंती पन्नों पर कुछ नोट्स लिखने की कोशिश होती है पर जैसे लिखे को मिटाना मुश्किल है वैसे ही धुंधले हो चुके अक्षरों के ऊपर लिखना भी मुश्किल होता है। ‘फरवरी नोट्स’ इन्ही मुश्किलों, नेह छोह के संबंधों और मन की छटपटाहटों की कहानी समेटे हुए है। यह कहानी मेरी है, यह कहानी आपकी है, यह कहानी हर उस व्यक्ति की है जिसके हृदय में स्पंदन है और स्मृतियों में कोई धुंधली सी याद जो एक निश्छल मुस्कुराहट का कारण बन जाती है। [ About The Author]: डॉ. पवन विजय अपने उत्तर आधुनिक विमर्श के लिए जाने जाते हैं। डॉ. विजय द्वारा लिखित उपन्यास ‘बोलो गंगापुत्र’ आज भी पाठकों की पसंद बना हुआ है । डॉ. पवन विजय का व्यक्तित्व बहु आयामी है वह समाजशास्त्री होने के साथ-साथ स्तंभकार, कवि, सामजिक कार्यकर्ता भी हैं। वर्तमान में डॉ. विजय इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के एक महाविद्यालय में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।