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by M. Veerappa Moily
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Creators
Author M. Veerappa Moily
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis ‘ढोल’ (तेम्बरे) कन्नड़ साहित्य का एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास है जो कर्नाटक के तटीय इलाके में रहनेवाले सीमान्त समुदाय ‘पम्बद’ के जीवन की जटिल सांस्कृतिक प्रक्रिया - ‘भूताराधना’ या नायकत्व की आराधना की गहरी छानबीन करता है। यह जटिल संस्कृति पम्बद की वंशगत वृत्ति के रूप में प्रचलित है। इस आराधना में, एक कठिन क्रिया के अन्तर्गत व्यक्तित्व का विखंडन होता है तथा सम्बन्धित व्यक्ति रूप बदलता है। उपन्यास में कथाकार ने इस अद्भुत और पारम्परिक वृत्ति को दो पम्बद भाइयों के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया है: एक इस परम्परा के खिलाफ विद्रोह करता है और आधुनिक शिक्षा प्राप्त करता है। दूसरा भूताराधना की इस पद्धति को सच्चे उत्साह के साथ पुनर्स्थापित करने में लग जाता है। उनकी एक बहन है, जो पहले भाई की तरह परम्परा के खिलाफ जाकर कानून की पढ़ाई करती है तथा अपनी जिन्दगी को स्त्री के अधिकारों के लिए समर्पित कर देती है। कथाकार ने परम्परा और आधुनिकता के द्वन्द्व से भरी इस कथा को रोचकता के साथ वृत्तान्त शैली में प्रस्तुत किया है। कथाकार की सामुदायिक जिन्दगी में गहरी दिलचस्पी है। उसने पम्बद की जिन्दगी की इस सांस्कृतिक गतिशीलता को करीब से देखा है। राजनीतिक अनुभव और उनके न्याय के ज्ञान ने उनके अनुभव क्षेत्र का विस्तार किया है। दलित और स्त्री चेतना के प्रति भी इस उपन्यास में गहरी प्रतिबद्धता दिखलाई पड़ती है। कहना न होगा कि ये सारी बातें मिलकर इस उपन्यास को महत्त्वपूर्ण बनाती हैं तथा उसे एक वैश्विक धरातल पर नए सामाजिक यथार्थ के साथ उपस्थित करती हैं। - डॉ. बी.ए. विवेका राय कुलपति, कन्नड़ विश्वविद्यालय, हम्पी (कर्नाटक)

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Binding: HardBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 153
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9788126715848
  • Category: Novel
  • Related Category: Modern & Contemporary
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