Synopsisहिंदुतत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है | देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं| कहीं वह प्रकृति के रूप में माता हैं, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कही पर ज्ञान कि देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा कि देवी लक्ष्मी है | इन अलग अलग रूप के क्या महत्व हैं और इस देवी से जुड़े प्रतिक और कर्मकाण्डो का क्या मतलब है, इन्ही सब बातों को समझने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया हैं | देवदत्त पट्टनायक पौराणिक विषयों के जाने-माने विशेषज्ञ हैं। पौराणिक कहानियों, संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का हमारी आधुनिक जि़न्दगी में क्या महत्त्व है, इस विषय पर वह लिखते हैं और जगह-जगह व्याख्यान भी देते हैं। इनकी पन्द्रह से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और टीवी पर इनका कार्यक्रम भी दिखाया जाता है। विष्णु के सात रहस्य, शिव के सात रहस्य और शिखण्डी और कुछ अनसुनी कहानियाँ उनकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं।