logo
Home Literature Poetry Dehari Ka Man
product-img
Dehari Ka Man
Enjoying reading this book?

Dehari Ka Man

by Dr. Prabha Thakur
4
4 out of 5

publisher
Creators
Author Dr. Prabha Thakur
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis देहरी का मन’ संवेदनशील व विचारप्रवण कविताओं के लिए चर्चित डॉ. प्रभा ठाकुर का नया कविता-संग्रह है। इन कविताओं में निष्करुण सामाजिक यथार्थ एवं व्यापक मानवतावाद से संबुद्ध मन का द्वन्द्व समाहित है। सभ्यता के चरण पार करते हुए समाज जिस पथ पर अग्रसर है, उसका लक्ष्य क्या है—इस नाभिक से छिटके प्रश्न 'देहरी का मन’ में पाठक से संवाद करते हैं। इस संग्रह से यह भी आभास होता है कि प्रभा ठाकुर की रचनात्मक यात्रा कितनी वैविध्यपूर्ण है। 'अपनी बात’ में वे कहती हैं, ''कुछ फूल चुनकर भरे थे आँचल में, पता ही नहीं चला कैसे कुछ काँटे भी $खुद-ब-$खुद ही साथ चले आए। फूल तो मुरझाकर बिखर भी गए, किन्तु काँटे सूखकर और भी पैने और स$ख्त हो गए हैं। वैसे भी इतने वर्षों की जीवन-यात्रा के बाद, उम्र के इस पड़ाव पर पहुँचकर, यही सोचती हूँ, कहाँ खड़ी हूँ मैं? किसी शिखर पर, ढलान पर या फिर हाशिए पर...!’’ आत्ममूल्यांकन की यह सघन प्रक्रिया सामाजिक विसंगतियों की पहचान का प्रखर माध्यम बनती है। गीतात्मक अभिव्यक्तियाँ स्मृतियों और अनुभूतियों के सम्मिश्रण से मोहक परिवेश रच देती हैं। इन पंक्तियों में जीवन का एक बड़ा सच झाँक रहा है : 'रेत का बना था घर, बार-बार टूटा/कच्चा रंग रिश्तों का बार-बार छूटा/आँगन से पनघट तक, काई ही काई/माटी का घट भरकर, बार-बार फूटा/अपना ही हवन करें और एक बार।’ समकालीन हिन्दी कविता (विशेषकर गीत-कविता) में प्रभा ठाकुर की ये रचनाएँ उन्हें विशिष्ट सिद्ध करती हैं। भाषा, छन्द, संरचना और स्वभाव की दृष्टि से 'देहरी का मन’ एक प्रीतिकर संग्रह है जो निश्चित रूप से गीत प्रेमी पाठकों की आत्मीयता अर्जित करेगा।

Enjoying reading this book?
Binding: HardBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 208
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9788126725328
  • Category: Poetry
  • Related Category: Literature
Share this book Twitter Facebook
Related articles
Related articles
Related Videos


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Keshar Kasturi by Shivmurti
Bhartiya Samantwad by Ramsharan Sharma
Dharamsatta Aur Pratirodh Ki Sanskriti by Rajaram Bhadu
Mud Mudke Dekhta Hoon by Rajendra Yadav
Odd Man Out Urf Biradari Bahar by Sudha Arora
Baba Batesarnath by Nagarjun
Books from this publisher
Related Books
Daya Nadi : Kaling Yuddha Ki Sakshi Gayatribala Panda
Nadi Ghar Krishna Kishore
Ullanghan Rajesh Joshi
Ullanghan Rajesh Joshi
Aalap Mein Girah Geet Chaturvedi
Nyoonatam Main Geet Chaturvedi
Related Books
Bookshelves
Stay Connected