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Home Literature Short Stories Bhatka Hua Ek Parinda
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Bhatka Hua Ek Parinda
by Jayendra Kumar Verma
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorJayendra Kumar Verma
PublisherHind Yugm
Synopsisसमाज में व्याप्त विसंगतियाँ, बुराइयाँ और समस्याएँ जब हृदय में काँटे-सी चुभने लगती हैं तो उससे उत्पन्न पीड़ा से लघुकथाओं का जन्म होता है। संग्रह में संकलित लघुकथाओं में व्यक्त पीड़ा ने यदि आपकी सुप्त संवेदनाओं को जगाकर सचेत कर दिया तो ये लघुकथाएँ सार्थक कही जाएँगी। और मुझे इनकी सार्थकता पर तनिक भी संदेह नहीं है। मुझे विश्वास है कि इनमें चित्रित नकारात्मकता जहाँ आपके हृदय को झकझोरेगी, व्यंग्य हँसने को मजबूर करेगा, वहीं सकारात्मक कोमल भावनाएँ हृदय को सहलाती-सी प्रतीत होंगी। – जयेन्द्र कुमार वर्मा।