logo
Home Literature Literature Bahas Ke Muddey
product-img
Bahas Ke Muddey
Enjoying reading this book?

Bahas Ke Muddey

by Shriprakash Mishra
4.8
4.8 out of 5

publisher
Creators
Author Shriprakash Mishra
Publisher Lokbharti Prakashan
Synopsis इस पुस्तक में आजकल चल रहे बहस के मुद्दों पर लेख संकलित है। ये मुद्दे लम्बे समय से बने रहे हैं, किन्तु केन्द्र में अभी आये हैं। २०१४ से पहले राजनीति या समाज हाबी रहता था, उसके बाद समाज पर राजनीति हावी हो गयी है। इसका आरम्भ आपातकाल के दौरान ही हो गया था पर वर्चस्व अब बना है। जब समाज हावी था, तब समाजवाद निश्चित अर्थव्यवस्था, धर्म निरपेक्षता, समानता, स्वतन्त्रता, दलितवाद, पिछड़ावाद, आदिवासी विमर्श स्त्रीवाद आदि का बोलबाला था। (इसमें आदिवासी विमर्श का पूरा विकास नहीं हो पाया था, अब हो रहा है।) अयोध्या की घटना के बाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद आया और उससे जुड़े तमाम दीगर मुद्दे। अब माना जाने लगा है कि कोई एक बात वर्चस्व बनाकर चल सकती है तो वह है ‘हिन्दुत्व’। उसके लिए निर्वचन और उत्तर सत्य का सहारा लिया जा रहा है। भुला दिया जा रहा है कि इस बहुलतावाले देश में कोई बात देशकाल-परिस्थिति के अनुसार प्रमुख तो हो सकती है ‘डामिनेण्ट’ नहीं। इधर सरकार बदलने के बाद जो बहस के मुद्दे पीछे चले गये थे, वे फिर केन्द्र में आ गये हैं और कुछ नये मुद्दे उभर आये हैं। ऐसे ही नौ मुद्दे, जैसे हिन्दुइज्म, हिन्दुत्व, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, सामाजिक अभियंत्रण, उत्तर सत्य का प्रभाव, विकास का गुजरात मॉडल, जनजातीय विमर्श का आधार वगैरह की चर्चा इस पुस्तक में है। वहाँ जो तर्वâ-वितर्वâ रखे गये हैं, वे पाठकों को प्रबुद्ध तो करेंगे ही, अपना पक्ष चुनने में ही मदद करेंगे। उम्मीद है यह पुस्तक प्रबुद्ध और सामान्य दोनों ही तरह के पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

Enjoying reading this book?
HardBack ₹350
Print Books
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Lokbharti Prakashan
  • Pages: 161
  • Binding: HardBack
  • ISBN: 9789389243512
  • Category: Literature
  • Related Category: Literature
Share this book Twitter Facebook


Suggested Reads
Suggested Reads
Books from this publisher
Bhartiya Nari : Asmita Ki Pahchan by Uma Sukla
Lahore Se Lucknow Tak by Prakashvati Pal
Aadhunik Bhasha Vigyan Ke Siddhant by Ramkishor Sharma
Nirja by Mahadevi Verma
Shreshth Lalit Nibandh (1 To 2) by Krishna Bihar Mishra
Prasad Ki Kavyabhasha by Rachna Anand Gaur
Books from this publisher
Related Books
Nadi Ki Toot Rahi Deh Ki Awaz Shriprakash Mishra
Rooptilli Ki Katha Shriprakash Mishra
Uttaradhunik Avadharnayen Shriprakash Mishra
Uttaradhunik Avadharnayen Shriprakash Mishra
Jo Bhula Diye Gaye Shriprakash Mishra
Rooptilli Ki Katha Shriprakash Mishra
Related Books
Bookshelves
Stay Connected