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Home Literature Drama Badi Buajee
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Badi Buajee
by Badal Sarkar
4
4 out of 5
Creators
AuthorBadal Sarkar
PublisherRajkamal Prakashan
Synopsis‘बड़ी बूआजी’ बादल सरकार द्वारा लिखित प्रसिद्द प्रहसन है ! पहली नजर में यह एक प्रचलित मनोरंजन के तत्वों से भरपूर नाटक लगता है, किन्तु इसके पाठ में प्रवेश करते ही निहितार्थ खुलने लगते हैं ! यही कारण है कि इसके हर मंचन में दर्शक ताजगी का अनुभव करता है ! वह अपनी और अन्य की विकृतियों पर मुक्त मन से हँसता है !
इस नाटक की मुख्या शक्ति इसके चुटीले और व्यंग्य सिद्ध संवाद हैं ! कथा का विकास और प्रवाह संवादों के जरिए होता रहता है ! एक उदहारण, बूआजी के व्यक्तित्व को व्यंजित करता शशांक नमक पत्र का यह कथन, ‘कोंनगर से बूआजी को प्रमीला कैसे खींचकर यहाँ ला रही है, यह या तो भगवान् जाने या तुम....यह खबर सुनाने के बाद से मेरे तो होश फाख्ता हो रहे हैं ! गोली खाकर मरने के समय आँखों के सामने अँधेरा आने के बजाय बूआजी आ खड़ी होती हैं !’ यही कारण है कि सारे प्रमुख पत्र पाठकों और दर्शकों की स्मृति में टिक जाते हैं !
सुप्रसिद्द रंगकर्मी डॉ. प्रतिभा अग्रवाल ने द्वारा अनुदित यह प्रहसन नै साज-सज्जा में पाठकों व् रंगकर्मियों को भाएगा, ऐसा विश्वास है !