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Home Reference Language & Essay Baat Bolegi, Hum Nahin
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Baat Bolegi, Hum Nahin
by R.K. Sinha
4.4
4.4 out of 5
Creators
AuthorR.K. Sinha
PublisherPrabhat Prakashan
Synopsisयह पुस्तक ‘बात बोलेगी, हम नहीं’ समय से सहज, सार्थक और संदेशपरक संवाद ही नहीं है, इससे कहीं ज्यादा है। पुस्तक में 62 लेख संकलित किए गए हैं। ज्यादातर लेख स्वतंत्र हैं, यानी विषय और संदर्भ की दृष्टि से उनका दूसरे लेखों से संबंध नहीं है। इसी अर्थ में वे स्वतंत्र लेख की श्रेणी में आते हैं। लेकिन कुछ लेख अपवाद भी हैं; जैसे चीन से भारत का जो सीमा विवाद है, उस पर तीन लेख हैं। इनका संबंध सीमा विवाद की घटना के क्रम और उतार-चढ़ाव से है। इसी तरह हिंदी पर दो लेख हैं। दोनों का प्रसंग अलग है। बुजुर्गों की समस्याओं पर दो लेख हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश खबरों में इसलिए छाए रहे, क्योंकि एक अनहोनी घटना उनके साथ हुई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में उनके साथ मार-पीट उन लोगों ने की, जो साफ-सुथरी राजनीति के वादे से सत्ता में आए थे। ऐसी घटना के केंद्र में बने हुए अंशु प्रकाश पर दो लेख स्वाभाविक ही हैं। वे घटनाक्रम पर आधारित तथा दृष्टिपरक हैं।
यह पुस्तक जहाँ राजनीतिक इतिहास को अपने में समेटे हुए है, वहीं जीवन के हर क्षेत्र पर एक दृष्टिपात कर स्थायी महत्त्व की टिप्पणियों से भरी-पूरी है। इस पुस्तक के हर लेख में प्रवहमान भाषा है। इसमें विचारों की रचना का एक संसार है; मानवीय भावनाओं का संयोग और संतुलन है। इससे पुस्तक में नैयायिक बुद्धि का प्रभाव परिलक्षित होता है, जो सत्य के एक पहलू को सामने लाता है। सामयिक विषयों पर लेखन की ऐसी विधा अनुकरणीय है।