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Home Literature Novel Awaje Aur Deeware
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Awaje Aur Deeware
by Vaikukam Mohammad Bashir
4.1
4.1 out of 5
Creators
AuthorVaikukam Mohammad Bashir
PublisherLokbharti Prakashan
Synopsis'क्या तुमने अपने आप कोई काम करके उसके सुख का अनुभव नहीं किया है? खेती करना...कम-से-कम एक पौधा रोपकर उसका फूल और फल देखना, कोई नई चीज तैयार करना, प्यासे भटकते कुत्ते को पानी पिलाना, भूखे आदमी को खाना खिलाना, ऐसा कोई काम...''
''आप तो जानते हैं, मैंने सिर्फ आदमियों को गोली मारी है। आदमियों का खून पिया है और एक बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की थीं।''
''फिर?''
''अच्छा, अब वह भी बता दूँ! मैं इसी रात यही से चला जाऊँगा।''
''कहाँ?''
''यह मेरा जन्म-स्थान है न! मैं माँ-बाप को ढूँढने की कोशिश करूँगा। हर घर में जाकर, हर औरत से पूछूँगा—'क्या तुम मेरी भ्ज्ञी हो? क्या तुम्म्हीं ने मुझे मेरे पैदा होते ही चिथड़ों में लपेटकर चौराहे के अँधेरे में डाल दिया था?' मरने के बाद भी मैं भयंकर प्रेत बनकर रात में हर घर में जाकर, आँखें फाड़कर दरवाजा खटखटाऊँगा।''
—इसी पुस्तक से