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Home Literature Novel Apni Zamin
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Apni Zamin
by Shantinath Desai
4.3
4.3 out of 5
Creators
AuthorShantinath Desai
PublisherLokbharti Prakashan
Synopsisश्रेया तुमने लिखा है, 'तुम्हारी मुझे जरूरत हैà। तुम्हारी 'जरूरतà के मायने क्या हैं दोस्त! मेरे बिना तुमने अपना जीवन कितनी अच्छी तरह और कितनी सृजनात्मकता से बिता लिया। मेरे तुम्हारे साथ न रहने से ही यह सब कुछ संभव हुआ। उसी प्रकार मेरे यहाँ रहे बिना ही तुम्हारा यहाँ का जीवन भ्ज्ञी अत्यन्त सृजनशील होगा। यह कहने में मुझे रत्तीभर भी संदेह नहीं।
श्रेया इसका अर्थ यह नहीं कि मैं तुम्हारे प्रेम को नकारती हूँ। धत तुम्हारा प्रेम तो सच्चा प्रेम है। उसमें किंचित भी संदेह नहीं। इस प्रेम और उन बाह्य सामाजिक संबंधों और आशा-आकांक्षाओं में जोड़ नहीं। यह प्रेम तो इस दुनिया से ऊँचा है इसीलिए मैं तुम्हारे पूर्व व्यवहार को दोष नहीं देती। श्रेया...अब मैं बहुत बड़ी हो गई हूँ। मेरी समझ भी विकसित हो गई है। जीवन के समस्त अनुभवों और रुचियों को देख चुकी हूँ, फिर भी तुम्हीं मेरे...अरे फिर ऐसी बातें भावनाओं को निगलती जा रही हैं। यहीं तो इन्हें किसी और प्रकार का रोमांटिक रूप मिल जाएगा।
श्रेया, तुम्हारा भविष्य सफल हो, मैं चाहे जहाँ रहूँ और तुम कहीं भी रहो।
—इसी पुस्तक से