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Anton Chekhov Ki Kahaniyan
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Anton Chekhov Ki Kahaniyan

by Anil Janvijay
4.2
4.2 out of 5
Creators
Author Anil Janvijay
Publisher Sambhavna Prakashan
Synopsis विश्व-प्रसिद्ध रूसी कहानीकार अन्तोन पाव्लाविच चेख़फ़ की कहानियों के प्रकाश्य तीन खण्डों में से यह पहला खण्ड इस समय आपके हाथ में है। इन तीन खण्डों मे चेख़फ़ की सभी प्रसिद्ध कहानियाँ शामिल हैं। चेख़फ़ का कहना थाµ मानव तभी बेहतर हो सकता है, जब मनुष्य के सामने उसकी नैतिकता और मन का दर्पण खोलकर रख दिया जाए। जब मानव आत्मा की गन्दगी, उसके अहम् और उसके स्वभाव की अश्लीलता को मनुष्य के सामने स्पष्ट कर दिया जाए तो वह खुद को सुधारने की कोशिश करेगा। अन्तोन चेख़फ़ ने अपनी कहानियों में मानव स्वभाव की इसी अश्लीलता को साफ-साफ प्रस्तुत किया है। आम तौर पर चेख़फ़ अपनी कहानियों में किसी एक व्यक्ति को ही नायक बनाकर उसकी मनः स्थिति का विस्तार से वर्णन करते हैं। वह दिखाते हैं कि मानव समाज कैसा चितकबरा है और समाज के अनुकूल ही खुद को ढालने के लिए व्यक्ति कैसे गिरगिट की तरह बार-बार रंग बदलता है। चेखफ की कहानियों के नायक-नायिकाएँ अलग-अलग सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधि हैं। किसी कहानी में कोई भिखारी नायक है तो किसी कहानी में कोई छात्रा, व्यापारी, क्लर्क, अध्यापक या जमींदार। चेखफ की कहानियों के पात्रा पद और पैसे के प्रति भी अलग-अलग रवैया अपनाते हैं। पैसा और पद किस तरह आदमी की नैतिकता और आत्मा पर प्रहार करता है, कैसे कुछ लोग कंजूस और हद दरजे के लालची होते हैं और कैसे पैसा मानव-स्वभाव की कमजोरी बन जाता है, इसका भी चेख़फ़ ने अपनी कहानियों में सूक्ष्मता से वर्णन किया है। चेख़फ़ की कहानियों में नाटकीयता तब पैदा होती है, जब व्यक्ति अपने जीवन के ध्येय और आदर्श को समझने में पूरी तरह से असफल रहता है। मनुष्य के निराशाजनक जीवन को चेख़फ़ ने बड़ी बारीकी से अपनी कहानियों में उकेरा है। हमें आशा है कि चेख़फ़ की ये कहानियाँ आपको पसन्द आएँगी।

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Binding: PaperBack
About the author
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Sambhavna Prakashan
  • Pages: 264
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9789381619841
  • Category: Short Stories
  • Related Category: Novella
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