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Anitya

by Mridula Garg
4.9
4.9 out of 5

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Creators
Author Mridula Garg
Publisher Rajkamal Prakashan
Synopsis ‘अनित्य’ प्रतिबोध तक पढ़ा है। ‘अविजित’ जैसा, सभ्य शिष्ट जीवन का सही सांगोपांग चित्र शायद ही कहीं और मिले। - जैनेन्द्र याद रही किताबों में सबसे पहला नाम लेना चाहूँगा मृदुला गर्ग के अत्यन्त महत्त्वपूर्ण उपन्यास ‘अनित्य’ का। केन्द्रीय बिम्ब है उसका पहाड़ों में उगा लम्बा शानदार देवदारु जो धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जा रहा है और एक दिन जड़ से उखड़कर गिर पड़ता है। देवदारु प्रतीक है उस संस्कारवान व्यक्तित्व का जो राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान उभरा था। वह समझौतों के खिलाफ था। लेकिन इन समझौतावादियों की जो कुटिल दोमुँही संस्कृति आजादी पाने के बाद उभरी, उसने धीरे-धीरे उन क्रान्तिकारी मूल्यों को छिन्न-भिन्न कर दिया, जिनका प्रतीक भगतसिंह का ‘इंकलाब जिंदाबाद’ था। इस सारी प्रक्रिया को एक मध्यमवर्गीय परिवार की कथा में पिरोकर मृदुला गर्ग ने जितने मार्मिक, प्रामाणिक और कलात्मक ढंग से अपने इस उपन्यास में रखा है, वह सचमुच बहुत प्रभावशाली है।

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Binding: PaperBack
About the author Born: October 25, 1938 मृदुला गर्ग के रचना संसार में लगभग सभी गद्य विधाएँ सम्मिलित हैं। उपन्यास, कहानी, नाटक, निबन्ध, यात्रा संस्मरण, कटाक्ष आदि। प्रकाशित पुस्तकें उसके हिस्से की धूप, वंशज, चित्तकोबरा, अनित्य, मैं और मैं, कठगुलाब और मिलजुल मन (उपन्यास)। कुल प्रकाशित कहानियाँ-90, 2003 तक प्रकाशित 8 कहानी-संग्रहों की सम्पूर्ण कहानियाँ संगति-विसंगति नाम से प्रकाशित। हाल में लिखी लम्बी कहानी वसु का कुटुम राजकमल से शीघ्र प्रकाश्य (कहानी-संग्रह)। एक और अजनबी, जादू का कालीन, साम दाम दण्ड भेद, कैद-दर-कैद (चार नाटक)। रंग-ढंग, चुकते नहीं सवाल, कुछ अटके कुछ भटके (निबन्ध-संग्रह)। मेरे साक्षात्कार, कृति और कृतिकार, संस्मरणात्मक आलोचना (यात्रा संस्मरण)। कर लेंगे सब हज़म, खेद नहीं है (व्यंग्य-संग्रह)। अनूदित कृतियाँ : चित्तकोबरा : 'द जिफ्लेक्टे कोबरा' नाम से जर्मन में तथा 'चित्तकोबरा' नाम से अंग्रेज़ी में प्रकाशित। कठगुलाब : 'कन्ट्री ऑफ गुड्बाइज़' नाम से अंग्रेज़ी में, 'कठगुलाब' शीर्षक से मराठी और मलयालम में और 'वुडरोज़' नाम से जापानी में प्रकाशित। अनित्य : 'अनित्य हाफवे टु नोवेह्यर' नाम से अंग्रेज़ी में और 'अनित्य' नाम से मराठी में प्रकाशित। अनेक कहानियाँ अंग्रेज़ी, जर्मन, चेक, जापानी व भारतीय भाषाओं में अनूदित। पुरस्कार सम्मान : अन्य अनेक पुरस्कारों के साथ कठगुलाब उपन्यास को 2004 में व्यास सम्मान और मिलजुल मन को साहित्य अकादमी पुरस्कार 2013 प्राप्त। 'कठगुलाब' दिल्ली वि.वि. के बी.ए. पाठ्यक्रम तथा अनेक विश्वविद्यालयों में स्त्री रचना/विमर्श पाठ्यक्रमों में शामिल है।
Specifications
  • Language: Hindi
  • Publisher: Rajkamal Prakashan
  • Pages: 262
  • Binding: PaperBack
  • ISBN: 9788126725854
  • Category: Novel
  • Related Category: Modern & Contemporary
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