राकेश मिश्र का जन्म 30 नवम्बर, 1964 को उ.प्र. के बलिया जनपद के ग्राम खूँटा बहोरवाँ में हुआ था। राकेश मिश्र ने प्रयाग विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण की। राकेश मिश्र विगत 22 वर्षों से विभिन्न प्रशासनिक पदों पर सेवारत हैं व वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में आई ए एस हैं। राकेश मिश्र जी के चार काव्य संग्रह "शब्दगात" , "जि़न्दगी एक कण है", "चलते रहे रात भर", "अटक गई नींद" प्रकशित हुए हैं। राकेश मिश्र का नया काव्य संग्रह "शब्दों का देश" शीघ्र ही राधाकृष्ण (राजकमल प्रकाशन ) से प्रकाशित होने वाला है। महानगरीय जीवन की त्रासदी और ग्रामीण जीवन का अनुराग एक साथ उनकी कविताओं में देखने को मिलता है। कुछेक कविताएं नितांत निजीपन से उपजकर भी सामाजिक यथार्थ से जुड़ी हुई हैं। अनावश्यक दर्शन, वैचारिक प्रतिबद्धता और नारे लिखने की होड़ में आजकल कविताओं की संवेदना जिस तरह से क्षीण हुई है, ऐसे में राकेश मिश्र की कविताएं अपनी तरलता और सरलता के कारण पाठकों से संवाद करने में सफल हैं। राकेश मिश्र की कविताओं की आलोचना अकादमिक जगत से जुड़े आलोचकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों तक पहुंचनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए उनकी कविताओं पर केन्द्रित एक पुस्तक राकेश मिश्र की कविताएँ...
ISBN: 9788195186754
MRP: 795
Language: Hindi
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चलते रहे रात भर, ज़िन्दगी एक कण है के बाद अटक गई नींद काव्य-संग्रह को पढ़ना और फिर उस पर बिना लिखे रह जाना, संभव नहीं है। संग्रह में कुछ 134 कविताएं हैं जिनमें से...
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