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भास्कर का पहला द्वारका प्रसाद अग्रवाल अवॉर्ड प्रभात रंजन को

दैनिक भास्कर द्वारा पहला द्वारका प्रसाद अग्रवाल अवॉर्ड रविवार को युवा साहित्यकार प्रभात रंजन को प्रदान किया गया। समारोह का आयोजन जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल...

Jaipur Literature Festival Dwarka Prasad Agarwal Award Hindi Literature
Of kothas, libraries, and houses left behind: Where we went on Day 5 of the Jaipur Litfest

A number of writers talked of how their personal experiences and journeys have made their way into their books. The last day of the Jaipur Literature Festival is often the quietest. The Monday after the weekend, there’s both satisfaction and a slight sense of loss that it’s over. Here’s what we...

Jaipur Literature Festival Journey towards books Learning tehzeeb from tawaifs
सोनू सूद की किताब ‘मैं मसीहा नहीं’ का एक अंश

कोविड 19 महामारी के दौरान अभिनेता सोनू सूद का नाम किसी मसीहा की तरह उभर कर आया। अलग अलग स्थानों पर अलग अलग परिस्थितियों में फँसे लोगों की मदद करने में उन्होंने...

Sonu Sood Excerpt Book Excerpt
जासूसीपन, थ्रिलरपन और रहस्यपन का रोचक कथानक ‘नैना’

हाल के वर्षों में उपन्यास विधा के साथ दो सुंदर हादसे हुए हैं। एक तो यह कि उपन्यास का बड़ी तेज़ी से पारंपरिकता की गिरफ्त से निकलना हुआ है। दूसरा जिस तरह के उपन्यासों...


अनुकृति उपाध्याय के उपन्यास ‘नीना आंटी’ का एक अंश

अनुकृति उपाध्याय का उपन्यास आया है ‘नीना आंटी’। यह एक ऐसी किरदार है जिसको लेकर आजकल ख़ूब लिखा जा रहा है। अपनी शर्तों पर जीने वाली, समाज के क़ायदों को न मानने...


मनोहर श्याम जोशी की शख़्सियत से रूबरू करता “पालतू बोहेमियन”

जब आप कोई ऐसी किताब पढ़ रहे हों जिसके लेखक को आप जानते हों तो उस पुस्तक को पढ़ने का आनंद बढ़ जाता है। इसके बाद जब किताब ऐसे शख्स के बारे में हो जिसके लेखन के आफ...


पालतू बोहेमियन: प्रख्यात साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी की स्मृति शेष, खट्टी-मीठी यादों को पिरोया...

पालतू बोहेमियन: मनोहर श्याम जोशी ऐसे ही अपवाद हैं, जो एक साथ एक ही समय पारंपरिक और आधुनिक दुनिया में निवास करते पाठकों का मनोरंजन करते हैं। जितनी विधाओं में...


मनोहर श्याम जोशी की जयंती पर पालतू बोहेमियन से- जब वैद ने पूछा, जोशी बोलकर लिखवाता है न!

हमारे दौर के सर्वाधिक चर्चित लिक्खाड़ों में से एक मनोहर श्याम जोशी पर लेखक प्रभात रंजन की एक संस्मरणात्मक किताब पालतू बोहेमियन नाम से आई है. पुस्तक में लेखक...


पालतू बोहेमियन – एक जरूर पढ़ी जाने लायक किताब

"प्रभात रंजन जी की मनोहर श्याम जोशी जी के संस्मरणों पर आधारित किताब ‘ पालतू बोहेमियन’ के नाम से वैसे ही आकर्षित करती...


पुस्तक समीक्षा: पालतू बोहेमियन; प्रभात रंजन

अगर किताब के दायरे से थोड़ा हट कर उनकी लेखनी की बात करें तो मेरे हिसाब से आज के ‘इंटेलचतुलता’ (इसी किताब से एक शब्द चुरा रहा हूँ) ग्रसित लेफ्ट लिबरल ब्रिगेड को...


कोठागोई: सटने में जो मजा है...छूने में वो कहां है

‘देखना न भूलिए. अमर टॉकीज में. रोजाना चार शो.’ गांव से शहर में आकर बसे परदेसियों और गाँव देहातों में शहर जाकर बसने की तमन्ना रखने वाले सब पूरे परिवार के साथ...


A peep into the world of light and shadows

After a long time, I read a book that was so gripping that I finished it in one sitting. Prabhat Ranjan has written a wonderful book on the lost world of female singers who lived and performed in the Chaturbhuj Sthan locality of Muzaffarpur in Bihar. A wordsmith of unusual talent, he has coined a word...


प्रभात रंजन की ‘कोठागोई’

अगर आप ‘कोठागोइ’ को ‘मनोहर कहानियाँ’ का साहित्यिक संस्करण मानकर जिस्म्फ़रोशी के किस्से पढने चले हैं तो यह एक भूल है. प्रभात रंजन की यह पुस्तक मुज़्ज़फ़रपुर के...